कोटद्वार:इन दिनों सुखरो और खोह नदी में चैनलाइज का कार्य किया जा रहा है, लेकिन यहां से निकलने वाले आरबीएम को ले जाने वाले ट्रक और डंपर ओवरलोड होकर निकल रहे हैं. इससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. यही नहीं इन ओवरलोडेड वाहनों के गुजरने से सड़क पर गड्ढे पड़ने शुरू हो गये हैं. स्थानीय लोग इस मसले पर कई बार शिकायत भी कर चुके हैं. वहीं, पुलिस इसे आरटीओ का काम बताकर पल्ला झाड़ रही है तो परिवहन विभाग लगातार कार्रवाई करने की बात कह रहा है.
कुछ समय पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया था कि जिलों में ओवरलोड पर पूरी तरह रोक लगाई जाए. लेकिन जैसे-जैसे धुमाकोट हादसे को दिन बीतने शुरू हुए, वैसे-वैसे शासन-प्रशासन सब कुछ भूल गया और एक बार फिर ओवरलोड का खेल शुरू हो गया है.
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बसों से लेकर ओवरलोडेड ट्रक और डंपर सड़क पर खुलेआम दौड़ रहे हैं. ये ओवरलोडेड वाहन सभी परिवहन विभाग और पुलिस चेक पोस्ट से होकर गुजरते हैं, लेकिन किसी की नजर इस तरफ नहीं पड़ती, यहां यूं कहें कि अनदेखा किया जा रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण कोटद्वार में देखने को मिल रहा है. यहां सुखरो और खोह नदी में चल रहे चैनलाइज के कार्य से निकलने वाले आरबीएम को ले जा रहे ट्रक और डंपर रोजाना आवश्यकता से अधिक 40 से 50 टन आरबीएम भरकर सड़क पर दौड़ रहे हैं और हादसों को न्योता दे रहे हैं.