श्रीनगर:पलायन के कारण उत्तराखंड के गांव धीरे-धीरे खाली होते जा रहे हैं. कुछ गांव तो ऐसे है जो पूरी तरह से खाली हो गए हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पढ़े लिखे होने के बाद भी गांव से नहीं गए और गांव में ही रोजगार सृजित कर खुद को आत्मनिर्भर बना रहे है. साथ में अन्य लोगों को भी रोजगार देकर मदद कर रहे हैं. ऐसी ही कहानी है ओम बहुगुणा की जो ग्रेजुएट होकर भी गांव में रह कर स्वरोजगार कर रहे हैं.
खिर्सू ब्लॉक के तोलियो गांव में ही ओम बहुगुणा ने गांव में ही होम स्टे स्थापित किया है, जिसके निर्माण में उन्हें सरकार की कोई मदद नहीं मिली है. ओम बहुगुणा ने अपने होम स्टे के लिए एक किलोमीटर सड़क का निर्माण करवाया है, जिसमें सिर्फ पैदल या बाइक से सफर किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने गांव में ही ऑर्गेनिक खेती भी शुरु की है.