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बकायेदारों से वसूली के लिए खुद मैदान में उतरे ऊर्जा निगम के अधिकारी, जुटाया डेढ़ करोड़ रुपए - electricity bill recovery in Pauri

पौड़ी में बकायेदारों से वसूली के लिए ऊर्जा निगम के अधिकारी खुद मैदान में उतर गये हैं.

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बकायेदारों से वसूली के लिए खुद मैदान में उतरे ऊर्जा निगम के अधिकारी

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Published : Mar 13, 2022, 6:59 PM IST

पौड़ी:लंबित बिजली के बिलों का भुगतान कराने को अब ऊर्जा निगम के अधिकारी खुद मैदान में उतर गये हैं. पौड़ी में सरकारी कार्यालयों की दो दिनों की छुट्टी के बाद भी ऊर्जा निगम के उप खंड अधिकारी बकायेदार व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरेलू कनेक्शनों की वसूली के लिए बिलों को लेकर घर घर और दुकानों में घूमते रहे.

बता दें ईटीवी भारत ने शहर में बड़े बकायेदारों के बिलों को लेकर खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद ऊर्जा निगम बकायेदारों से बिल रिकवरी और कनेक्शन काटने की तैयारियों में जुट गया. वित्तीय वर्ष के समाप्त होने से पूर्व ऊर्जा निगम को सभी लंबित बिलों का भुगतान कराना जरूरी है.

लंबित बिलों के प्रकरणों के लेकर ऊर्जा निगम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काफी जद्दोजहद करने में जुट गया है. दो दिनों की सरकारी छुट्टी के बावजूद भी ऊर्जा निगम के उप खंड अधिकारी आरपी नौटियाल ने अपनी टीम के साथ व्यापारिक प्रतिष्टानों व घरों से लंबित बिलों की रिकवरी के लिए उन्हें चेतावनी भी दी. उन्होंने 15 मार्च तक हर हाल में बिलों को जमा करने की हिदायत दी.

ऊर्जा निगम की टीम ने इन दो दिनों में 14 कॉर्मिशल व घरेलू कनेक्शनों को भी काटा. इन बकायेदारों पर 8 से 10 हजार रूपये के बिल पिछले कोविड काल से लंबित है. उन्होंने बताया ऊर्जा निगम के पौड़ी उपखंड को इस वित्तीय वर्ष में 4 करोड़ का लक्ष्य सौंपा गया है. जिसके सापेक्ष निगम ने अभी तक करीब 1.5 करोड़ का राजस्व जुटा लिया है.

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पंचायत में रार:वहीं, दूसरी तरफ जिला पंचायत पौड़ी में अध्यक्ष व अपर मुख्य अधिकारी (एएमए) की खींचतान में कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गये हैं. जिसके चलते जिला पंचायत के कर्मचारियों को अभी तक फरवरी माह का वेतन नहीं मिला है. इसमें खासतौर से पीआरडी और आउटसोर्स कर्मियों को आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.

बताया जा रहा है कि जिपं अध्यक्ष बीते 10 फरवरी को अपने आवास पर कैश बुक अवलोकन के लिए ले गई, जो कि अभी तक जिपं प्रशासन को अभी तक नहीं लौटाई गयी है. जिसके चलते जिला पंचायत का लेखा अनुभाग इन कर्मचारियों के वेतन व मानदेय के आहरण नहीं कर पा रहा है

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