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राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में अव्यवस्थाएं, कोर्स पूरा नहीं कर पाए छात्र, अधर में लटका भविष्य

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Published : Aug 15, 2021, 2:05 PM IST

राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग परिसर में आधिकांश प्राध्यापक अतिथि शिक्षक रखे गए हैं, जिन्हें इस वर्ष दूसरे शिक्षा सत्र के शुरू में ही इन्हें रिलीव कर दिया गया.

Srinagar
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का रघुनाथ कीर्ति परिसर

श्रीनगर: केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के रघुनाथ कीर्ति परिसर के गेस्ट प्राध्यापकों को पुनर्नियुक्ति न मिलने से विवि प्रशासन संकट में है. हालात ये है कि आधिकांश विषयों का कोर्स 80 प्रतिशत बाकी है और 12 अगस्त से छात्रों की परीक्षाएं चल रही हैं. वहीं, आनन-फानन में विश्वविद्यालय प्रशासन ने हिंदी, अंग्रेजी, कंप्यूटर और इतिहास विषय का कोर्स पूरा करने के लिए लाइब्रेरियन, शारीरिक शिक्षक और संस्कृत के प्राध्यापकों को उक्त विषय को पढ़ाने की जिम्मेदारी दी है.

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के देशभर में 12 परिसर हैं, देवप्रयाग में यह परिसर 2016 में खुला गया था. तब इसका नाम राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान था, अब बदल कर रघुनाथ कीर्ति परिसर में तब्दील हो गया है. परिसर में शास्त्री से आचार्य तक की पढ़ाई होती है. इस परिसर में वेद, ज्योतिष, न्याय, व्याकरण सहित हिंदी, कंप्यूटर और अंग्रेजी जैसे विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाए जाते हैं.

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बता दें कि इस परिसर में अधिकांश प्राध्यापक ऐसे हैं, जो अतिथि शिक्षक के रूप में रखे गए हैं, जिन्हें साल भर में एक बार ही ब्रेक दिया जाता है. लेकिन इस वर्ष दूसरे शिक्षा सत्र के शुरू में ही इन्हें रिलीव कर दिया गया और इनकी नियुक्ति दोबारा होनी थी लेकिन कुलपति के सेवानिवृत्त होने से यह नियुक्ति नहीं हो पाई. जिसके कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है.

वहीं, इस मामले में रघुनाथ कीर्ति परिसर के निदेशक प्रो. बनमाली विशवाल ने स्वीकार किया कि अस्थाई प्राध्यापकों की पुनर्नियुक्ति न होने से पाठ्यक्रम पूरा करने में दिक्कत हुई है.

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