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पौड़ी में जंगल की आग हुई बेकाबू, गांवों तक पहुंची वनाग्नि, प्रशासन मॉकड्रिल में मस्त - mockdrill regarding disaster

जिला प्रशासन ने आपदा को लेकर मॉकड्रिल (Pauri Administration mockdrill) का आयोजन किया. जिसमें जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने आपदा में राहत और बचाव के गुर सीखे. ये मॉकड्रिल तब चल रही है, जब पौड़ी के जंगल आग से धधक रहे हैं. ऐसे में वनाग्नि और आपदा को लेकर हुए मॉकड्रिल में तकनीकी जानकारियां तो दी गई लेकिन वास्तविक घटनाओं से अधिकारी और आपदा प्रबंधन तंत्र नदारद रहा.

pauri
प्रशासन कर रहा मॉकड्रिल

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Published : Apr 25, 2022, 10:16 AM IST

Updated : Apr 25, 2022, 2:37 PM IST

पौड़ी: जहां एक ओर प्रदेश के जंगल धधक रहे हैं वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने आपदा को लेकर मॉकड्रिल (Pauri Administration mockdrill) का आयोजन किया. जिसमें वनाग्नि से लेकर विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने का पूर्वाभ्यास किया गया. जिसमें जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने आपदा में राहत और बचाव के गुर सीखे.

लेकिन फायर सीजन के शीर्ष पर होने के बावजूद अब वनाग्नि को लेकर मॉकड्रिक की जा रही है. वहीं मॉकड्रिल के बावजूद भी शहर के नगर पालिका क्षेत्र गडोली समेत जनपद में अभी तक वनाग्नि (Pauri forest fire) की 200 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं. रविवार को जिला प्रशासन से वनाग्नि से लेकर विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने को लेकर मॉकड्रिल तो की, लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी वास्तविक वनाग्नि वाले क्षेत्रों में नहीं जा पाये.

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हैरत की बात है कि वनाग्नि की घटनाएं गढ़वाल डिवीजन के गढ़वाल वन प्रभाग की ही हैं, जो कि जिला मुख्यालय से सटा हुआ क्षेत्र है. गढ़वाल वन प्रभाग में अभी तक 71 वनाग्नि की घटनाओं समेत अन्य प्रभागों को मिलाकर कुल 84 घटनाएं हो चुकी हैं. जबकि सिविल वन प्रभाग की 116 घटनाएं हुई हैं. वनाग्नि की इन घटनाओं से करीब 8.25 लाख की क्षति पहुंची है. ऐसे में वनाग्नि और आपदा को लेकर हुए मॉकड्रिल में तकनीकी जानकारियां तो दी गईं लेकिन वास्तविक घटनाओं से अधिकारी और आपदा प्रबंधन तंत्र नदारद रहा.

गांवों तक पहुंची आग: वहीं, जिले के चौबट्टाखाल एवं एकेश्वर क्षेत्र के वनाग्नि से धधक कर रहे हैं. क्षेत्र के बग्याली, डोबल, सालकोट समेत आधा दर्जन गांव के जंगल पिछले दो दिन से जल रहे हैं. आलम यह है कि जंगलों की आग अब ग्रामीणों को आंगन में तक पहुंच गई है. सोमवार को बग्याली, डोबल, सालकोट, वीरों, गडुली, थापली, रेडू, देहदार तथा जखोलू गांव के जंगलों में कई हेक्टेयर क्षेत्र आग की चपेट में आ गया. वहीं ग्रामीण खुद ही जंगलों की आग को बुझाने में जुटे हुए हैं.

गढ़वाल वन प्रभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक पौड़ी जिले में वनाग्नि की 200 से अधिक घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं. इन घटनाओं से करीब 295 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं. जिससे करीब 8.25 लाख की वन संपदा को क्षति पहुंची है.

Last Updated : Apr 25, 2022, 2:37 PM IST

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