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लोगों ने की विंटर लाइन फेस्टिवल मनाने की मांग, सालभर दिखता है खूबसूरत नजारा

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Published : Dec 8, 2019, 10:21 AM IST

पौड़ी में सालभर दिखने वाली विंटर लाइन के प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय लोगों ने सरकार से विंटर लाइन फेस्टिवल आयोजित करने की मांग की है.

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लोगों ने की विंटर लाइन फेस्टिवल मनाने की मांग.

पौड़ी: नगर में सालभर दिखने वाली विंटर लाइन के प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय लोगों ने सरकार से विंटर लाइन फेस्टिवल आयोजित करने की मांग की है. साथ ही मसूरी की तर्ज पर पौड़ी में भी विंटर लाइन फेस्टिवल को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय लोगों और युवाओं को आगे आने को कहा. लोगों का कहना है कि इससे पर्यटन को पंख लगेंगे. साथ ही सैलानी हिमालय के खूबसूरत नजारे का लुत्फ उठा सकेंगे. वहीं पूर्व मंत्री मोहन सिंह गांववासी ने कहा कि विंटर लाइन फेस्टिवल से जिले में पर्यटकों की आमाद बढ़ेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

लोगों ने की विंटर लाइन फेस्टिवल मनाने की मांग.

गौर हो कि शाम ढलते पौड़ी से लालिमा का खूबसूरत नजारा दिखता है, जो लोगों को काफी आकर्षित करता है. लोगों का कहना है कि ऐसा नजारा पौड़ी में ही नजर आता है. साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे बढ़ावा देने की जरूरत है और इस कार्य के लिए स्थानीय युवाओं के साथ ही सरकार को आगे आने चाहिए. उन्होंने कहा कि पहाड़ों की रानी मसूरी की तर्ज पर यहां भी विंटर लाइन फेस्टिवल को बढ़ावा दिया गया तो जिले के पर्यटन को पंख लगेंगे. पूर्व मंत्री मोहन सिंह गांववासी ने कहा कि पौड़ी से हिमालय के दर्शन बहुत खूबसूरत दिखता है और यहां पूरे साल विंटर लाइन दिखती है.

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लेकिन नवंबर माह से लेकर फरवरी माह तक यहां से सीत लालिमा दिखती है. पौड़ी पर्वत मालाओं से घिरा हुआ है, यहां प्रकृति के शांत आभामंडल और देवतत्व का समागम महसूस किया जा सकता है. यहां की खूबसूरत दर्शनों को प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार से वार्ता कर पौड़ी में विंटर लाइन फेस्टिवल की शुरुआत करने की मांग करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि इसकी शुरुआत होने से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी. उत्तराखंड से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां विंटर लाइन को देखने पहुंचेंगे. पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से रोजगार के साधन भी पैदा होंगे. इसके लिए पौड़ी शहर के स्थानीय लोगों और नव युवकों को भी आगे आना होगा. ताकि कुदरत के इस नायाब तस्वीर को देश-विदेश के लोग देख सके.

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