उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

अंकिता हत्याकांड: आरोपियों के नार्को टेस्ट पर 10 जनवरी को होगा फैसला

अंकिता हत्याकांड मामले (ankita murder case) में नार्को टेस्ट पर 10 जनवरी को सुनवाई होगी. इस मामले में पहले 3 और फिर पांच जनवरी को सुनवाई की तिथि नियत की गई थी. लेकिन नार्को टेस्ट को लेकर फैसला नहीं हो पाया. जिसके बाद अब 10 जनवरी को इस पर फैसला (Decision on narco test in Ankita murder case) होगा.

Etv Bharat
अंकिता हत्याकांड

By

Published : Jan 5, 2023, 3:02 PM IST

पौड़ी:अंकिता हत्याकांड में नार्को टेस्ट मामले पर आज फैसला (Decision on narco test in Ankita murder case) टल गया है. अब अंकिता हत्याकांड (ankita murder case) में नार्को टेस्ट मामले पर 10 जनवरी को सुनवाई होगी. इस मामले में अभियोग पक्ष के अधिवक्ता ने समय मांगा है. एसआईटी की ओर से बीते नौ दिसंबर को अदालत में अर्जी लगाई गई थी. जिसमें तीनों आरोपियों से उनकी सहमति मांगी गई थी. अब इस मामले पर 10 जनवरी (Decision on narco test in Ankita murder case) को सुनवाई होगी.

क्या है मामला: पौड़ी की रहने वाली अंकिता भंडारी 18 सितंबर 2022 को लापता हो गई थी. चार दिन बाद पुलिस ने उसकी हत्या का केस दर्ज कर भाजपा नेता और पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य, उसके दोस्त सौरभ और अंकित को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान पता चला कि अंकिता पर एक वीआईपी को स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव बनाया गया. वीआईपी के बारे में और हत्या से जुड़े कुछ सवालों का जवाब जानने के लिए एसआईटी ने कोर्ट में तीनों आरोपियों का नार्को और पॉलीग्राफिक टेस्ट कराने की अनुमति के लिए अर्जी दी.

पढे़ं- अंकिता भंडारी मर्डर केस: 500 पेज की चार्जशीट तैयार, 30 पुख्ता सबूत, सोमवार तक कोर्ट में होगी पेश

मामले में पहले 3 जनवरी को तीनों पक्षों की बहस में नार्को व पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए 5 जनवरी की तारिख नियत की गई. जिसके बाद आज अभियोग पक्ष की तरफ से समय मांगा गया, जिसमें नार्को एवं पॉलीग्राफी टेस्ट के आदेश की तारीख 10 जनवरी को मुकर्रर की गई है. आरोपी अंकित सौरभ पुलकित के अधिवक्ता अमित सजवाण ने कहा अभियोग पक्ष के अधिवक्ता ने समय मांगा है. वह कोर्ट में उच्च न्यायालय की कुछ दाखिल करना चाहते हैं. जिस वजह से कोर्ट ने अग्रिम तारिख 10 जनवरी को होगी.

आरोपी के अधिवक्ता ने हत्याकांड के सच जानने के लिए सीबीआई की मांग की है. वहीं, अभियोग पक्ष के अधिवक्ता जितेन्द्र रावत ने बताया अभियुक्तों द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र सहमति व असहमति दोनों पर न्यायालय को पत्र दिया गया है. जिससे यह लगता है की आरोपी कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं. नार्को एवं पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए अभियुक्त की सहमति होना जरूरी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details