श्रीनगर:जम्मू कश्मीर के कठुआ कांड में नाबालिग पीड़िता को न्याय दिलाने वाली सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता और कांग्रेस नेत्री दीपिका सिंह राजावत (Advocate Deepika Singh Rajawat ) आज पौड़ी के डोभ श्रीकोट गांव (Deepika Rajawat reached Dobh Shrikot in Pauri) पहुंचीं. अधिवक्ता दीपिका सिंह राजावत ने अंकिता भंडारी के परिजनों से मुलाकात (Deepika Singh Rajawat met Ankita family) की. इस दौरान दीपिका सिंह राजावत ने अंकिता के परिजनों को उनका केस लड़ने का आश्वासन दिया. सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता दीपिका ने कहा कि परिवार ने हामी भरी तो हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक वे अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए परिजनों की मदद करेंगी.
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता दीपिका सिंह राजावत ने कहा कि भले ही सबूतों से छेड़छाड़ हुई हो, लेकिन अब भी मजबूती से वे इस केस की पैरवी करेंगी. दरअसल, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के साथ सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता व कांग्रेस नेत्री दीपिका सिंह राजावत ने अंकिता के परिजनों से मुलाकात की.
अंकिता के परिजनों से दीपिका सिंह राजावत ने की मुलाकात पढें- कठुआ रेप पीड़ित को न्याय दिलाने वाली वकील दीपिका राजावत लड़ सकती हैं अंकिता मर्डर केस, कांग्रेस ने की बात गणेश गोदियाल ने बताया कि परिवार की मदद वे मानवता के नाते कर रहे हैं. जिससे परिजनों को इस लड़ाई में इंसाफ मिल सके. अंकिता के परिजनों का कहना है कि उनकी मांग ये ही है कि पुलकित के पिता को भी रिमांड में लिया जाये. परिजनों को संदेह है कि पुलकित के पिता उनकी न्याय की लड़ाई को कमजोर करने के प्रयासों में जुटे हैं. परिजनों ने कहा वे न्याय की लड़ाई किस अधिवक्ता के माध्यम से लड़ेंगे इसका फैसला वे जल्द लेंगे.
पढें-अंकिता हत्याकांड: दशहरे में फूंका गया पुलकित-अंकित-सौरभ का पुतला, फांसी की मांग क्या है अंकिता भंडारी मर्डर केस:बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.