हल्द्वानी:माना जाता है किचैत्र मास में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था. ऐसे में भगवान राम के आदर्शों पर चलने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए हल्द्वानी में पहली बार महिला रामलीला का मंचन होने जा रहा है. जहां हीरानगर पर्वतीय उत्थान मंच में 2 अप्रैल से लेकर 11 अप्रैल तक महिला रामलीला का मंचन होगा. वहीं रामलीला का सभी किरदार महिलाएं निभाएंगी.
पहली बार रामलीला में 10 से 70 साल तक की महिलाएं निभाएंगी किरदार, रिहर्सल तेज - महिला सशक्तिकरण
कुमाऊं में रामलीला का मंचन देश-विदेश में प्रसिद्ध है. यहां अक्सर रामलीला में पुरुष पात्र अभिनय करते दिखाई देते हैं, लेकिन इस बार महिलाएं भी रामलीला में मंचन करती दिखाई देंगी. जिसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं और महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम करेंगी.
रामलीला में महिलाएं निभाएंगी किरदार:इस रामलीला में राम, सीता से लेकर हनुमान और रावण सहित सभी पात्र महिलाएं होंगी. रामलीला मंचन को आकर्षक बनाने के लिए महिला पात्र रिहर्सल में जुटी हुई हैं. महिलाओं की रामलीला मंचन को लेकर लोगों में भी उत्सुकता बनी है. हल्द्वानी में पुनर्नवा महिला समिति द्वारा महिला सशक्तिकरण, उत्तराखंड की संस्कृति और भगवान श्रीराम के आदर्शों पर लोगों को चलने के लिए महिला रामलीला का आयोजन होने जा रहा है. मजेदार बात यह है कि जहां राम,लक्ष्मण, सीता से लेकर अन्य पात्रों की भूमिका लड़कियां निभाएंगी. वहीं अन्य पात्रों के लिए 70 साल की बुजुर्ग महिलाएं अभ्यास में जुटी हैं.
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महिला सशक्तिकरण की मिसाल:महिला पात्रों का जोश काबिले तारीफ है. रिहर्सल के दौरान महिलाएं नियमित और अनुशासित ढंग से अभ्यास कर रही हैं. तालीम में छंद व चौपाइयों पर अभिनय करने के लिए बताया जा रहा है. हनुमान जैसे महत्वपूर्ण पात्र को समाजसेवी अनुजा जोशी निभाएंगी. महिला कलाकारों का कहना है कि हल्द्वानी में पहली बार महिलाओं की रामलीला हो रही है, जो ऐतिहासिक होगी. महिला कलाकारों का कहना है कि अभी तक रामलीला में पुरुषों द्वारा मंचन किया जाता है. लेकिन महिलाओं को एक मंच प्रदान करेगा और साबित करेगा की महिलाएं भी सक्षम हैं. रामलीला मंचन में केवल पुरुष ही पात्र होते थे, लेकिन अब महिलाएं भी बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग करेंगी. रामलीला मंचन महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनने जा रही है.