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चुनाव में गायब हुईं क्षेत्रीय बोलियां, इस तरह से कुमाऊंनी लोगों को जागरूक कर रहा निर्वाचन विभाग - क्षेत्रीय भाषा मतदाता जागरूकता

कई राज्यों के निर्वाचन विभाग मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए उस राज्य के क्षेत्रीय भाषा में प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दे रहे हैं. बैनर-पोस्टर के माध्यम से लोगों को स्थानीय भाषा में ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन यहां पर ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. उत्तराखंड पहाड़ी राज्य होने से यहां पर गढ़वाली और कुमाऊंनी समेत जौनसारी बोली जाती है, लेकिन इस बार नैनीताल जिला निर्वाचन विभाग एक ऑडियो के सहारे मतदाताओं को जागरूक करने में जुटा है.

मतदाता जागरूकता कार्यक्रम

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Published : Apr 7, 2019, 10:13 PM IST

हल्द्वानीःउत्तराखंड में 11 अप्रैल को पहले चरण में लोकसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर निर्वाचन आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है. आयोग की टीम मतदान को लेकर जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन नैनीताल जिला निर्वाचन विभाग मात्र एक ऑडियो के सहारे ही कुमाऊंनी बोली में मतदाताओं को जागरूक करने में लगा हुआ है. इस बार कुमाऊंनी में बैनर, पोस्टर के साथ स्लोगन जारी नहीं किया है.

जानकारी देते निर्वाचन प्रचार-प्रसार विभाग (स्वीप) नोडल अधिकारी राजेश कुमार.


निर्वाचन विभाग मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई तरह के जागरूकता अभियान चला रहा है. जिस पर करोड़ों खर्च भी किया जा रहा है. कई राज्यों के निर्वाचन विभाग मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए उस राज्य के क्षेत्रीय भाषा में प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दे रहे हैं. बैनर-पोस्टर के माध्यम से लोगों को स्थानीय भाषा में ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन यहां पर ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. उत्तराखंड पहाड़ी राज्य होने से यहां पर गढ़वाली और कुमाऊंनी समेत जौनसारी बोली जाती है, लेकिन इस बार नैनीताल जिला निर्वाचन विभाग एक ऑडियो के सहारे मतदाताओं को जागरूक करने में जुटा है.

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वहीं, मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम निर्वाचन प्रचार-प्रसार विभाग (स्वीप) के कार्यालय पहुंची. इस दौरान नोडल अधिकारी बगले झांकते नजर आये. प्रचार-प्रसार स्वीप के अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि वाहन में ऑडियो के माध्यम से हिंदी और कुमाऊंनी बोली में मतदाता जागरूकता का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. बैनर पोस्टर के माध्यम से हिंदी के स्लोगन के द्वारा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि जल्द ही बैनर-पोस्टर और पंफ्लेट बनवाकर कुमाऊंनी बोली में भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा.

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