नैनीताल:कुमाऊं विश्वविद्यालय में बीते रोज यानी 1 सितंबर से होने वाली वार्षिक परीक्षाओं की तिथि में किए गए बदलाव के बाद अब छात्र आंदोलन पर उतर आए हैं. पिथौरागढ़, नैनीताल, हल्द्वानी, अल्मोड़ा समेत विभिन्न कॉलेजों के छात्र विश्वविद्यालय पहुंचे और विश्वविद्यालय का घेराव किया. साथ ही विश्वविद्यालय के गेट पर जमकर प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय ने छात्र राजनीतिक संगठनों के दबाव में आकर वार्षिक परीक्षा की तिथि में बदलाव कर दिया है. इस वजह से अन्य छात्रों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है.
कुमाऊं विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित होने से छात्रों में रोष. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि अगर विश्वविद्यालय में समय से परीक्षा आयोजित नहीं हुई तो आने वाले समय में कई छात्र देश के अन्य विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर की कक्षा में प्रवेश नहीं कर पाएंगे. साथ ही उत्तराखंड में आयोजित हो रही पीसीएस समेत अन्य परीक्षाओं से भी वंचित रह जाएंगे. लिहाजा, विश्वविद्यालय के कुलपति को इस तरफ ध्यान देते हुए पूर्व की तिथि के आधार पर ही परीक्षा करवाई जानी चाहिए.
पढ़ें- मसूरी गोलीकांड के 27 साल पूरे, नहीं भूल पाए दो सितंबर को मिला वह जख्म
छात्रों का कहना है कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो सभी छात्र विश्वविद्यालय में आमरण अनशन करने को मजबूर होंगे. इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी पर भी आरोप लगाए हैं. छात्रों ने बताया कि जब बीते दिनों उन्होंने इस विषय पर कुलपति से बातचीत करने का प्रयास किया, तो कुलपति ने उनसे मुलाकात तक नहीं की. इस वजह से आज उन्हें मजबूरन प्रदर्शन करना पड़ रहा है.