उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

राम भरोसे चल रहे कुमाऊं के अस्पताल, कई सालों से रिक्त हैं विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद

कुमाऊं के सरकारी अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं. इसका खामियाजा मरीजों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है. कुमाऊं के लोग बेहतर इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जाकर महंगे दामों पर इलाज कराने को मजबूर हैं.

By

Published : Apr 8, 2022, 10:35 AM IST

nainital
नैनीताल

नैनीताल:राज्य सरकार भले ही उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे कर रही हो, लेकिन धरातल पर राज्य सरकार के सभी दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. दरअसल, कुमाऊं के अस्पतालों में लंबे समय से सर्जन, फिजीशियन, हड्डी के डॉक्टर (Orthopedic Surgeon), बाल रोग, स्त्री रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग समेत रेडियोलॉजिस्ट के पद सालों से रिक्त चल रहे हैं. इससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

इसके अलावा कुमाऊं के दूरस्थ जिलों में अस्पताल आने वाले मरीजों को हल्द्वानी या प्राइवेट अस्पतालों की तरफ जाना पड़ रहा है. कुमाऊं स्वास्थ्य निदेशक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कुमाऊं के जिला अस्पतालों में सर्जन के 55 पद सृजित हैं. इसमें से 39 पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं. इसके अलावा फिजीशियन के 50, हड्डी के डॉक्टर 2, बाल लोग के 41, स्त्री रोग के 50, हृदय रोग और रेडियोलॉजिस्ट के 7-7 रिक्त चल रहे हैं हैं. इन पदों के रिक्त चलने से कुमाऊं के अधिकांश अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है.
पढ़ें-उत्तराखंड में नौकरशाही में बदलाव को लेकर एक्सरसाइज, शासन से लेकर जिलों तक में जिम्मेदारियां होंगी तय

उधर, अपर स्वास्थ्य निदेशक तारा आर्य का कहना है कि सरकार ने सभी जिला अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की मशीन दी है. ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दे सकें. लेकिन सरकार के द्वारा इन मशीनों को चलाने के लिए टेक्नीशियन उपलब्ध नहीं कराए हैं. ऐसे में सरकार मशीनों के साथ-साथ टेक्नीशियन भी उपलब्ध कराए, ताकि इन मशीनों का संचालन आसानी से किया जा सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details