नैनीतालः लॉकडाउन का असर रिक्शा चालकों पर बुरी तरह से पड़ा है. लॉकडाउन के चलते रिक्शा चालकों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. नैनीताल में महज डेढ़ किलोमीटर की सड़क पर करीब 80 रिक्शा संचालित होते हैं. इन रिक्शों को करीब 300 लोग बारी-बारी से चलाते हैं. जो अब दो जून की रोटी के लिए तरस रहे हैं.
रिक्शा चालकों के सामने गहराया रोजी-रोटी का संकट. लॉकडाउन की वजह से असंगठित क्षेत्र के गरीब, दिहाड़ी मजदूरों और श्रमिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरोवर नगरी नैनीताल में भी रिक्शा चलाने वाले कामगार प्रभावित हो रहे हैं. क्योंकि, बीते डेढ़ महीने से नैनीताल में रिक्शा कारोबार पूरी तरह से बंद है. यही कारण है कि इन लोगों के सामने अब 2 जून की रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
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इन रिक्शों के जरिए ही उनका और उनके परिवार का भरण पोषण होता है, लेकिन इन दिनों ये रिक्शा चालक लॉकडाउन की वजह से मायूस हैं. अब तक इन लोगों को स्थानीय लोग और समाजसेवियों ने राशन दिया था. जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो सके, लेकिन अब उनका राशन पूरी तरह से खत्म हो चुका है. जिससे इन रिक्शा चालकों के सामने भुखमरी जैसी स्थिति हो गई है.
वहीं, रिक्शा एसोसिएशन के अध्यक्ष नंदा बल्लभ जोशी बताते हैं कि उन्होंने करीब 16 कर्मचारियों को रिक्शों की रिपेयरिंग, चौकीदारी, टिकट काटने समेत अन्य कामों के लिए रखा है. इन कर्मचारियों को प्रतिमाह ₹6000 का वेतन भी दिया जाता है और इन पैसों की व्यवस्था टिकट बिक्री के पैसों से होती थी, लेकिन जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से रिक्शे का संचालन पूरी तरह से बंद है.
ऐसे में उनके पास कर्मचारियों को तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं बचे हैं. जिस वजह से सभी के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. वहीं, अब रिक्शा संचालक सरकार से नैनीताल में रिक्शा चलवाने की मांग कर रहे हैं. जिससे उन्हें कुछ मदद मिल सके.