नैनीताल: उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहे ब्लैक फंगस (black fungus cases in uttarakhand) के मामलों को नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) ने गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
वहीं, चारधाम यात्रा (char dham yatra) को लेकर सचिव पर्यटन ने कोर्ट में जो जवाब पेश किया है, उस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने अगली सुनवाई में सचिव पर्यटन को पेश होने के आदेश दिए हैं. ब्लैक फंगस के मामलों को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है.
इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड को जल्द से जल्द ब्लैक फंगस के इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएं. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपना जवाब भी पेश किया था, जिसमें केंद्र सरकार ने कहा था कि उत्तराखंड को ब्लैक फंगस के 700 इंजेक्शन दिए जा रहे हैं.
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केंद्र सरकार के जवाब पर कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि उत्तराखंड की जनसंख्या करीब दो करोड़ है. ऐसे में इस भयानक बीमारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार मात्र 700 इंजेक्शन उपलब्ध करा रही है, जो किसी मजाक से कम नहीं हैं. आज मामले में अधिवक्ता शिव भट्ट ने नई जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि उत्तराखंड आ रहे लोगों को स्टार इमेजिंग टेस्टिंग लैब समेत अन्य लैबों में पैसे देकर फर्जी कोविट निगेटिव रिपोर्ट दी जा रही है. उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने 16 मई 2021 को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) का कड़ाई से पालन का आदेश राज्य सरकार को दिया है. एसओपी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि जो कोरोना पीड़ित होम आइसोलेट हैं, उन्हें आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से होम आइसोलेशन किट दी जाए.
किट में ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर समेत कोरोना से लड़ने वाली सभी दवाएं उपलब्ध हों. वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि केंद्र सरकार की एसओपी के आधार पर आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं को पीपीई किट उपलब्ध कराई जाए.