नैनीताल: हाइकोर्ट ने सिडकुल पंतनगर स्थित शिर्डी प्लाइवुड फैक्ट्री प्रबंधक द्वारा स्थायी श्रमिकों का पंजीकृत समझौते के विरुद्ध वेतन एवं अन्य भत्ते काटे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने उप श्रम आयुक्त उधम सिंह नगर को श्रमिकों के प्रत्यावेदन को तीन माह में निस्तारित करने के निर्देश दिए.
मामले की सुनवाई न्यायमुर्ति सरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई. शिर्डी श्रमिक संगठन ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि 16 अगस्त 2017 को उनका एवं फैक्ट्री मालिक के बीच उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड उद्यौगिक विवाद अधिनियम 1947 के अंतर्गत एक समझौता हुआ था, जिसमें फैक्ट्री मालिक ने स्थायी श्रमिकों को ग्रेड पे अनुसार बढ़ोतरी होने पर वेतन, एचआरए, बोनस देने पर सहमति जताई थी. साथ ही उसमें किसी भी तरह की कटौती नहीं करने की बात कही थी.
ये भी पढ़ें:आपदा पीड़ितों का दर्द बांटने जुम्मा पहुंचे धामी, पीड़ित परिवार को प्रति मृतक ₹5 लाख की मदद
इस पंजीकृत समझौते की अवधि 22 मार्च 2022 तक नियत की गई थी, लेकिन फैक्ट्री मालिक द्वारा इसका उल्लंघन किया गया. श्रमिकों को कोई बढ़ोतरी ग्रेड पे नहीं दिया गया. न ही बोनस आदि का लाभ दिया गया. कोरोना महामारी आ जाने से फैक्ट्री मालिक द्वारा उनके वेतन से 30 प्रतिशत की कटौती कर दी है.
फैक्ट्री मालिक के समझौते का उल्लंघन करने पर श्रमिकों ने उप श्रम आयुक्त उधम सिंह नगर को सितंबर 2020 को एक प्रत्यावेदन दिया था, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. संगठन का कहना है कि उप श्रम आयुक्त को निर्देश दिया जाए कि उनके प्रत्यावेदन को शीघ्र निस्तारित किया जाए. मामले में कोर्ट ने उप श्रम आयुक्त को निर्देश दिए है कि तीन माह के भीतर उनके प्रत्यावेदन को निस्तारित करें.