हल्द्वानी: खनन कारोबारियों का आंदोलन जिला प्रशासन और सरकार के लिए मुसीबत बन गया है. खनन कार्य प्रभावित होने से सरकार को जहां करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहीं नदियों से खनन को लेकर खनन व्यवसाय से जुड़े लोगों की प्रशासन के साथ लगातार वार्ताएं होने के बाद भी आंदोलन जारी है.
धारा 144 लगाने का आदेश पत्र गौला खनन क्षेत्र में धारा 144: नैनीताल जिला प्रशासन कुछ लोगों की मदद से खनन करने का प्रयास कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ आंदोलनकारी अपनी मांगों पर अड़े हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में उप जिला अधिकारी परितोष वर्मा ने गौला नदी के सभी 11 खनन निकासी गेटों पर धारा 144 लागू कर दी है, जिससे कि प्रदर्शनकारी खनन गेटों पर होने वाले खनन कार्य में बाधा उत्पन्न ना कर सकें.
निकासी गेटों के 100 एरिया में धारा 144: उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा का कहना है कि हल्द्वानी की गौला नदी के समस्त निकासी गेटों के सीमा क्षेत्र में 100 मीटर की परिधि के अन्तर्गत जिला मजिस्ट्रेट, अपर जिला मजिस्ट्रेट अथवा अन्य सम्बन्धित क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट की पूवार्वनुमति के बिना किसी सार्वजनिक स्थान पर 5 या 5 से अधिक व्यक्ति समूह के रूप में एकत्रित नहीं होंगे और न ही कोई सार्वजनिक सभा करेंगे.
धारा 144 में ये होगा प्रतिबंधित: कोई भी व्यक्ति लाठी, डंडा, बल्लम एवं अग्नि शस्त्र अथवा अन्य किसी हथियार के साथ उपरोक्त क्षेत्रों के अन्दर नहीं घूमेगा. कोई भी व्यक्ति बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का प्रयोग नहीं करेगा. कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की अफवाहें नहीं फैलाएगा. न ही किसी प्रकार के पर्चों आदि का वितरण करेगा. कोई भी व्यक्ति ऐसा कृत्य नहीं करेगा, जिससे साम्प्रदायिक एवं राजनैतिक प्रतिद्वन्दिता उत्पन्न हो.
धारा 144 का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई: इसके साथ ही कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति धारा 144 का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि अपनी मांगों को लेकर खनन कारोबारी पिछले दो महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. खनन कारोबारियों द्वारा पूरे परिवार के साथ हल्द्वानी में विशाल रैली की जानी है, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू की है.
ये भी पढ़ें: 2 महीने बाद भी नदियों से नहीं हुआ खनन शुरू, सरकार को हो रहा करोड़ों का नुकसान, कुमाऊं कमिश्नर ने संभाली कमान