हल्द्वानी:आज आषाढ़ की अमावस्या है. अमावस्या 28 जून यानी मंगलवार सुबह 5:52 से शुरू हो गई है. जो 29 जून सुबह 8:21 पर समाप्त होगी. ऐसे में इस बार अमावस्या की तिथि 28 जून को मनाई जा रही है. इस दिन स्नान दान करने का विशेष महत्व है. इस अवसर पर पवित्र नदियों और सरोवर में स्नान करने और दान करने की परंपरा है. मान्यता है कि है इस दिन स्नान, दान और धर्म-कर्म करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. पितृदोष व कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है. इस दिन पितृ तर्पण करने से जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है.
ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी (Astrologer Navin Chandra Joshi) के मुताबिक, अमावस्या से ही चातुमार्स प्रारंभ हो जाता है. इसलिए मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन पितृ तर्पण करने या श्रद्धा कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. ज्योतिष के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या के दिन सबसे पहले सुबह उठकर पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान करने के बाद पितरों को तर्पण करें. साथ ही इस दिन ब्राह्मणों को भोज, दान दक्षिणा के अलावा गौ ग्रास और कौओं को भी भोजन दें. जिससे पितृ प्रसन्न होकर परिवार के ऊपर अपनी कृपा बनाए रखें.