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12 जून का काठगोदाम पहुंचेगा कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल - काठगोदाम न्यूज

कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान यात्री दिल्ली, काठगोदाम, अल्मोड़ा, सेराघाट, मिर्थी, जौलजीबी, धारचूला, तवाघाट से नजंग तक वाहनों से पहुंचते हैं जबकि इसके आगे बूंदी, गुंजी, नाभी, कालापानी और नाभीढांग आदि पड़ावों पर पैदल ही पहुंचना होता है.

Kailash Mansarovar Yatra

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Published : Jun 4, 2019, 10:57 AM IST

हल्द्वानी: विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा की सभी तैयारियों पूरी कर ली गई है. 12 जून को कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल दिल्ली से चलकर काठगोदाम पहुंचेगा. जहां कुमाऊं मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस में सभी तीर्थ यात्रियों का कुमाऊंनी रीति रिवाज के साथ भव्य स्वागत किया जाएगा. काठगोदाम के बाद पहले तीर्थयात्री मानसरोवर यात्रा के पहले पड़ाव अल्मोड़ा के लिए रवाना किया जाएगा.

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मानसरोवर यात्रा की उत्तराखंड में जिम्मेदारी कुमाऊं मंडल विकास निगम की है. मानसरोवर यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम और नैनीताल जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है.

नैनीताल जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने बताया कि भारत के आखिरी बॉर्डर तक मानसरोवर यात्रा मार्ग सुनिश्चित कर लिया गया है. यात्रा के दौरान आईटीबीपी के जवान और कुमाऊं मंडल विकास निगम के सहयोग से यात्रियों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी.

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बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान यात्री दिल्ली, काठगोदाम, अल्मोड़ा, सेराघाट, मिर्थी, जौलजीबी, धारचूला, तवाघाट से नजंग तक वाहनों से पहुंचते हैं जबकि, इसके आगे बूंदी, गुंजी, नाभी, कालापानी और नाभीढांग आदि पड़ावों पर पैदल ही पहुंचना होता है. अब धारचूला से लिपुपास तक सड़क बन रही है. सड़क बनने के बाद यात्री लिपुपास तक वाहन से जा सकेंगे. तक 21 दिन की यात्रा में चार-पांच दिन की कमी आएगी. सड़क निर्माण अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद है.

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