हल्द्वानी: महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन महीने की चतुर्दशी को मनाया जाता है. साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. 21 फरवरी यानी कल को महाशिवरात्रि पर इस बार महायोग बन रहा है. इसी योग में गुरु शुक्राचार्य ने शिव की तपस्या से मृत्यु संजीवनी मंत्र की प्राप्ति की थी.
इस बार चतुर्थी योग के साथ महाशिवरात्रि का योग बन रहा है. इस योग में रात्रि जागरण, शिव महापूजन का विशेष महत्व माना जाता है. जो भक्त इस योग में भगवान शिव की आराधना करते हैं उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है. 100 वर्ष बाद इस तरह का योग आता है. इसमें मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.
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ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि श्रवण नक्षत्र में भगवान शिव की पूजा बहुत बड़ा योग माना जाता है. ऐसे में इस शिवरात्रि पर्व पर बड़ा महायोग बन रहा है. चतुर्थग्रही योग के साथ महाशिवरात्रि का योग बन रहा है. चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि प्रारंभ हो रही है, जिसमें शिव पूजन का विशेष महत्व माना जा जाता है.