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जानिए गोवर्धन पूजा और भैया दूज की तिथि और शुभ मुहूर्त, इस विधान से करें पूजा - Bhaiya Dooj festival 2023

Govardhan Puja 2023 इस बार गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को मनायी जाएगी. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रजवासियों को बचाया था. वहीं उत्तराखंड में इस दिन गायों की पूजा की जाती है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 12, 2023, 12:32 PM IST

Updated : Nov 12, 2023, 1:22 PM IST

जानिए गोवर्धन पूजा और भैया दूज की तिथि और शुभ मुहूर्त

हल्द्वानी: कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है. दीपावली के अगले दिन मनाए जाने वाला गोवर्धन पूजा इस बार 14 नवंबर यानी मंगलवार को मनाया जाएगा.भगवान श्री कृष्ण को समर्पित गोवर्धन पूजा प्राकृतिक संरक्षण के लिए भी माना जाता है. इस दिन गौ माता के गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाकर पूजने की परंपरा है.इसमें मौसमी सब्जियों, मिष्ठान और पकवानों के मिश्रण से तैयार अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा.

ज्योतिषाचार्य डॉक्टर नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार गोवर्धन पूजा दीपावली के दूसरे दिन पड़ रही है, जो 14 नवंबर मंगलवार को मनाया जाएगा. जबकि भैया दूज का त्यौहार 15 नवंबर को मनाया जाएगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज वासियों को इंद्र देव की पूजा करने से मना कर दिया. इसे इंद्रदेव कुपित हो गए और ब्रज क्षेत्र पर मूसलाधार वर्षा करने लगे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था और सभी ब्रजवासी गोवर्धन पर्वत के नीचे सकुशल रहे थे. तभी से गोवर्धन पूजा की जाती है और अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है.
पढ़ें-गोवर्धन पूजा के दिन लोगों ने की गाय की सेवा, गोशाला में देखने को मिली अलग ही छटा

15 नवंबर को मनाया जाएगा भाई दूज पर्व:भाई -बहन के रिश्तों को मजबूत करने वाला त्‍यौहार भाई दूज हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार पर्व 15 नवंबर मंगलवार को मनाया जाएगा. इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाते हैं. बहनें उनका स्वागत सत्कार करती हैं और उनका तिलक लगाकर उसकी दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं. भाई भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार बहन को उपहार देते हैं.

भाई दूज पर बहन भाई को तिलक करने के बाद भोजन कराने की धार्मिक मान्यता है. ऐसा कहा जाता है कि जो बहन पूरी श्रद्धा और आदर के साथ तिलक और भोजन कराती है और जो भाई अपनी बहन का आतिथ्य स्वीकार करता है, उनकी सारी इच्छाएं पूरी होती हैं और उसे यमराज का भय नहीं रहता है.

Last Updated : Nov 12, 2023, 1:22 PM IST

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