रामनगरःपूर्व की हरीश सरकार के वक्त कांग्रेस नेता रणजीत रावत की तूती बोलती थी. इसे हालात ही कहेंगे कि हरीश रावत का साथ छोड़ रणजीत रावत उनके खिलाफ मुखर हैं. बताया जाता है कि दोनों नेताओं के रिश्तों में दरार आना साल 2017 के विधानसभा चुनाव से शुरू हुई और यूथ कांग्रेस के चुनाव के बाद यह दरार खाई में तब्दील हो गई. वहीं रणजीत रावत ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि आज का हरीश रावत डरा हुआ है.
सियासत में कौन-कब-किसका दुश्मन बन जाए और कब दुश्मन का ही हाथ थाम ले, कहा नहीं जा सकता है. ऐसा ही कुछ दो पुराने करीबियों के बीच देखने को मिल रहा है. दरअसल, पूर्व सीएम हरीश रावत और उनके करीबी रहे पूर्व विधायक रणजीत रावत में मतभेद की तलवारें खिंच गई हैं. राजनीति में 'जय-वीरू' की जोड़ी पूर्व सरकार में काफी सुर्खियों में रही है, लेकिन अब मतभेद ऐसे हैं कि रणजीत सिंह ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर ही तंज कसा है. रणजीत रावत ने कहा कि आज का हरीश रावत डरा हुआ है.
हरदा पर रणजीत रावत का बयान. बता दें कि सल्ट विधानसभा उपचुनाव की रण को जीतने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने पूरी ताकत झोंकी है. कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत कोरोना को मात देकर सल्ट उपचुनाव में प्रचार के लिए पहुंचे, इस दौरान रणजीत सिंह रावत की नाराजगी साफ देखने को मिली.
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पूर्व विधायक रणजीत रावत ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ उन्होंने उनके सहयोगी के रूप में 35 साल कार्य किया. जो भी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई, उसे पूरी तरह निभाया. लेकिन तब के हरीश रावत और अब के हरीश रावत में काफी फर्क है. इतना ही नहीं ये तक कह डाला कि पहले हरीश रावत आधी तूफानों से लड़ते थे, हवा, पानी से गुजारा करते थे, लेकिन आज का हरीश रावत डरा हुआ है.
जो बीजेपी को इसी सल्ट उपचुनाव में वॉकओवर देने की बात कह रहे थे. उन्होंने कहा कि वे अब इतने डरने लगे हैं कि जब राष्ट्रपति शासन लगा था, उसी समय भी उनसे अलग होना चाहते थे. क्योंकि, जिस तरीके से उस वक्त हरीश रावत क्रियाएं कर रहे थे, जैसे 13-14 मालाएं गले में पहनना, हर जेब में अलग-अलग रंग का कपड़ा रखना शामिल था. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो व्यक्ति पूजा करने के बजाय, कर्म करने के बजाए, तंत्र क्रियाओं में लग जाए तो उसके साथ राजनीतिक जीवन सुचारू रखना बड़ा मुश्किल काम है.
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रणजीत रावत ने कहा कि वो सारी उम्र में इन चीजों पर विश्वास नहीं करते हैं. वो आस्तिक हैं और पूजा पाठ करते हैं, लेकिन कोई उनसे 2 से 10 करने और रातों-रात किस्मत बदलने के लिए तंत्रक्रिया करना, इस काम के लिए वो खुद को सहमत नहीं कर पाते. उन्होंने कहा वो हरीश रावत को तो नहीं बदल सकते थे, इसलिए खुद उनसे दूर हो गए.