रामनगरः तराई पश्चिमी वन प्रभाग में कार्यरत वन दरोगा को एक लाख की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी दरोगा खनन में पकड़े गये दो डम्परों को छोड़ने के एवज में दो लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था. एक लाख में सौदा तय हुआ था. एसपी विजिलेंस ने कहा कि वन दरोगा शैलेन्द्र चौहान की जांच की जाएगी और जो भी इसके साथ इस मिलीभगत में शामिल है, उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा.
गौरतलब है कि एक अप्रैल को खनन कारोबारी फहीम अहमद ने पुलिस अधीक्षक सतर्कता सेक्टर नैनीताल हल्द्वानी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई कि 7 मार्च को उसका व उसके साथी नियाज अली के डम्पर को बंजारी गेट पर वन विभाग की टीम ने सीज किया था. वन दरोगा शैलेंद्र चौहान सीज किये डम्परों को छोड़ने के एवज में दो लाख रुपये मांग रहा है.
इस शिकायत की जांच करने पर तथ्य सही पाए जाने के बाद निरीक्षक रामसिंह मेहता के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें मंगलवार को शैलेंद्र चौहान को भवानीगंज चौराहे से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया.