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हल्द्वानी: फायर सीजन की तैयारियों में जुटा वन विभाग

15 फरवरी से 15 जून तक के समय को फायर सीजन माना जाता है. इस दौरान जंगलों में आग की घटनाएं विकराल रूप ले लेती हैं. उसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है.

Forest fire case
फायर सीजन

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Published : Feb 10, 2021, 9:08 PM IST

हल्द्वानी: इस साल जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू होने वाला है. फायर सीजन में वनाग्नि की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आती है. फायर सीजन को लेकर वन विभाग ने मास्टर कंट्रोल रूम के साथ क्रू फायर स्टेशन भी स्थापित कर लिया है. वहीं एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.

फायर सीजन अभी भले ही शुरू न हुआ हो, लेकिन जंगलों में आग की घटनाएं सामने आने लगी है. गर्मियों में वनाग्नि की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए और उन पर काबू पाने के लिए वन विभाग ने जिला स्तर पर एक प्लान तैयार किया है. इसके अलावा दोनों जिलों में मास्टर कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है.

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इस बारे में ज्यादा जानकारी होते हुए मुख्य वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त जीवन चंद्र जोशी ने बताया कि नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले में वनों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए जिला अधिकारी के साथ जिला स्तरीय प्लान तैयार किया गया है. इसके अलावा दोनों जिलों में मास्टर कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है. साथ ही 181 क्रू फायर स्टेशन, 2800 आग बुझाने वाले उपकरण, फायर सुरक्षा में लगे 374 वन कर्मियों को वायरलेस सेट उपलब्ध कराए गए हैं.

17000 हेक्टेयर में कंट्रोल वार्मिंग के तहत अभियान चलाकर जंगलों की सफाई की गई है, जबकि जंगल में आग वाले संभावित जगहों पर 2000 किलोमीटर में पानी पाइप लाइन बिछाई गई है. जिससे कि आग लगने की घटना के दौरान तुरंत आग पर काबू पाया जा सके.

मुख्य वन संरक्षक जीवन चंद्र जोशी ने बताया कि 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन माना जाता है. जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. ताकि स्थानीय लोग भी आगू को बुझाने में आगे आए. सभी डीएफओ और रेंज अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.य इसके अलावा सभी रेंज के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में अपने मोबाइल नंबर को जारी करने को निर्देश दिए गए हैं. ताकि लोग आग की घटनाओं के दौरान अधिकारियों से संपर्क कर सकें.

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