हल्द्वानी: वन तस्करों की दृष्टि से तराई के जंगल काफी संवेदनशील मानें जाते हैं. दीपावली के त्यौहार नजदीक है, ऐसे में वन्य जीवों की तस्करी बढ़ाने की संभावना है. दीपावली के मौके पर उत्तराखंड में उल्लू और जंगली-जानवरों के शिकार की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए वन विभाग ने वनकर्मियों की छुट्टियों को रद्द कर कर दी है.
दीपावली को लेकर वन विभाग ने किया अलर्ट जारी, वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कर्मियों की छुट्टियां रद्द - Diwali festival
Haldwani Forest Department Alert दीपावली में वन्यजीवों के अवैध शिकार को रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. विभाग ने दीपावली के मद्देनजर अलर्ट जारी करते हुए कर्मियों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Nov 8, 2023, 8:44 AM IST
|Updated : Nov 8, 2023, 9:19 AM IST
प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार ने बताया कि दीपावली के मद्देनजर उल्लू के अलावा अन्य वन्य जीव तस्करी की संभावना बढ़ जाती है. जिसको देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है. संवेदनशील जगहों पर वन कर्मियों को मुस्तैद रहने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा संवेदनशील जगहों पर कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं, जिससे जंगलों में प्रवेश करने वाले लोगों की जानकारी जुटाई जा सके. इसके अलावा अवैध शिकार और अवैध पातन की भी संभावना बढ़ जाती है और वन विभाग के सभी बैरियर पर अतिरिक्त निगरानी के निर्देश दिए गए हैं.
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बैरियर से गुजरने वाले सभी वाहनों को चेकिंग करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि दीपावली के त्यौहार के समय अंधविश्वास के चलते उल्लू की तस्करी के संभावना बनी रहती है.उल्लुओं की विभिन्न प्रजातियां वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 के तहत पूर्णत: संरक्षित हैं.ऐसे में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है.अंधविश्वास के चलते कुछ लोग तांत्रिक जादू-टोना आदि तंत्र विद्या के लिए उल्लू की बलि देते हैं. जिससे अल्लू की प्रजाति पर खतरा मंडरा रहा है. वहीं जानकारों का कहना है इस तरह के अंधविश्वास पर ध्यान नहीं देना चाहिए. बलि देने से महालक्ष्मी प्रसन्न होने के बजाय अभिशाप देती हैं.