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हर घर तिरंगा: खादी के झंडों की बढ़ी डिमांड, महाराष्ट्र और मेरठ से मंगाए जा रहे तिरंगे

आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) की तैयारियां जोरों पर हैं. वहीं गांधी आश्रम में तिरंगे झंडे की डिमांड बढ़ गई है. गांधी आश्रम को महाराष्ट्र के नांदेड़ और उत्तर प्रदेश के मेरठ से बड़ी संख्या में झंडे मंगाने पड़ रहे हैं.

Har Ghar Tiranga campaign
खादी के झंडों की बढ़ी डिमांड

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Published : Aug 6, 2022, 12:16 PM IST

हल्द्वानी: आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) की तैयारियां जोरों पर हैं. केंद्र सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga) लहराने के अभियान के तहत लोगों से अपने घरों पर ज्यादा से ज्यादा तिरंगा लगाने की अपील की है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हों या प्रशासनिक अमला, हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने में जुटे हुए हैं. वहीं हल्द्वानी के गांधी आश्रम में तिरंगे झंडे की डिमांड बढ़ गई है. गांधी आश्रम को महाराष्ट्र के नांदेड़ और उत्तर प्रदेश के मेरठ से बड़ी संख्या में झंडे मंगाने पड़ रहे हैं.

क्षेत्रीय गांधी आश्रम हल्द्वानी के सचिव दीपचंद्र जोशी ने बताया कि हर घर तिरंगा अभियान और राष्ट्रीय पर्व के मौके पर इस बार तिरंगे की डिमांड बढ़ गई है. डिमांड को देखते हुए गांधी आश्रम की सभी दुकानों पर तिरंगे झंडे पहुंचा दिये हैं. उन्होंने बताया कि डिमांड को देखते हुए महाराष्ट्र के नांदेड़ और उत्तर प्रदेश के मेरठ से तिरंगे झंडे बड़ी संख्या में मंगाये गये हैं. क्योंकि खादी निर्मित झंडे वहीं पर तैयार होते हैं. उन्होंने बताया कि गांधी आश्रम में खादी से बने झंडे के आकार के अनुसार कीमत होती है. गांधी आश्रम के पास ₹400 से लेकर ₹3000 तक के झंडे उपलब्ध हैं.
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उन्होंने बताया कि गांधी आश्रम के झंडे की क्वालिटी बेहतर है और खादी के तिरंगे झंडे का विशेष महत्व होता है. ऐसे में खादी से बने तिरंगे झंडे की डिमांड अधिक है. हालांकि तिरंगा महंगा होने के चलते बहुत से लोग इसे खरीदने से पीछे हट रहे हैं. क्योंकि बाजार में कम दामों के बहुत से तिरंगे झंडे आ चुके हैं. इसके चलते खादी के तिरंगा झंडा खरीदने से लोग बच रहे हैं.

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