हल्द्वानी: श्रीराधा अष्टमी का पर्व हिंदू धर्म में काफी अहम माना गया है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को श्रीराधा अष्टमी मनाई जाती है. इस साल श्रीराधा अष्टमी 23 सितंबर को मनाई जाएगी. श्रीराधा अष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का व्रत रखा जाता है. श्रीराधा अष्टमी तिथि पर पूरे दिन रवि योग बन रहा है. मान्यता है कि अष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
Radha Ashtami 2023: इस साल श्रीराधा अष्टमी पर बन रहा खास योग, जानें पूजा का मुहूर्त और विधि - Astrologer Naveen Chandra Joshi
Radha Ashtami 2023 हर साल भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के ठीक पंद्रह दिन बाद शुक्ल पक्ष अष्टमी को श्रीराधा अष्टमी मनाई जाती है. इस साल श्रीराधा अष्टमी के दिन रवि योग बन रहा है, जिसे फलदायक माना जा रहा है. साथ पर्व पर विधि-विधान से भगवान कृष्ण और राधा रानी की उपासना करने से सारे मनोरथ पूरे होते हैं.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Sep 20, 2023, 11:57 AM IST
ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक अष्टमी तिथि 22 सितंबर की दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 23 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में श्रीराधा अष्टमी का व्रत उदया तिथि यानी 23 सितंबर शनिवार को मनाया जाएगा. मान्यता है श्रीराधा अष्टमी का व्रत घर में सुख-समृद्धि और पति व बच्चों की लंबी आयु के लिए रखा जाता है. श्रीराधा अष्टमी को राधा जयंती के नाम से भी जाना जाता है. श्रीराधा अष्टमी के दिन राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है.
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शास्त्रों में राधा रानी को महालक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. इस दिन लक्ष्मी पूजन करने का भी विधान है. राधा रानी को भगवती शक्ति माना गया है. भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें. एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर गवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की मूर्ति को विराजमान करें. राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण को वस्त्राभूषण से सुसज्जित करें, इसके बाद भोग, फल, फल, श्रृंगार का सामान इत्यादि से विधि से पूजा अर्चना करें. पाठ करने के बाद आरती करें.मान्यता है कि श्रीराधा अष्टमी की पूजा दोपहर के समय की जाती है.