नैनीताला:कोराना के कहर से बचने को इंसान घर में छिपने को मजबूर हैं. लॉकडाउन की वजह से सारा देश रुका पड़ा है. विकास की रफ्तार थम गई है. ये संकेत कुदरत का है, जिसे इंसान जाने अनजाने में चुनौती देने का काम करता है. कोरोना महामारी में जहां लोग घरों में कैंद रहने को मजबूर हैं, वहीं नैनीताल चिड़ियाघर के जानवर इन दिनों बहुत सुकून महसूस कर रहे हैं. आलम यह कै कि बंद पड़े चिड़ियाघर में ये जानवर बड़े ही ठाठ के साथ शांति से धूप का लुत्फ उठा रहे हैं.
इस महामारी से सबसे बड़ा सबक इंसानों को मिला है. इंसान इस वक्त खुद को सबसे ज्यादा असहाय और असुरक्षित महसूस कर रहा है. वहीं कल तक जो जानवर इन इंसानों की वजहों से जंगलों में छुपने को मजबूर थे. अपने प्राणों की रक्षा के लिए इंसानों के साये से भी दूर रहते थे. आज वो बड़े ही सकून से इंसानों की मजबूरी का तमाशा देख रहे हैं.
कुछ ऐसा ही नजारा नैनीताल के चिड़ियाघर का है. जो जू कभी हजारों सैलानियों की भीड़ से गुलजार रहता था, आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है. कोरोना महामारी में इंसानी गतिविधि पर लॉकडाउन का ब्रेक लग चुका है. वहीं इस सन्नाटे से नैनीताल चिड़ियाघर में हिंसक जानवर बाघ, तेंदुआ और भालू भी बड़े ही सुकून से रह रहे हैं. ये जानवर अप्रैल माह में बड़े ही इतमिनान से धूप सेंक रहे हैं.