हल्द्वानी/रामनगर:कुमाऊं मंडल के साथ-साथ नैनीताल जनपद के पहाड़ आग से धधक रहे हैं. कुमाऊं मंडल में पिछले 24 घंटे में आग की 52 घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं में 73 हेक्टेयर वन संपदा जलकर राख हो गई है. खबर मिल रही है कि जंगल की आग में एक व्यक्ति भी झुलस गया है.
नैनीताल डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल (DM Dhiraj Singh Garbyal) का कहना है कि नैनीताल जनपद के पहाड़ी क्षेत्रों में अभी भी आग लगी हुई है, जिसे बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. आग के चलते स्थानीय लोगों को भारी नुकसान पहुंच रहा है. भीमताल में एक आवासीय मकान में आग लगने से भारी क्षति हुई है. उत्तराखंड वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) जंगलों की आग को नियंत्रित करने में जुटा हुआ है. कई जगह पर आग पर काबू पा लिया गया है. आग बुझाने के लिए अग्निशमन और वन विभाग की टीम लगी हुई है.
कुमाऊं मंडल में 24 घंटे में आग की 52 घटनाएं. इसके साथ ही डीएम ने बताया कि जो भी जंगल में आग लगाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा लोगों से भी अपील की गई है कि जंगल आपका है और इसे बचाने में पूरा सहयोग करें. इसके साथ ही जंगल में आग लगाने वाले व्यक्ति के संबंध में जो भी जानकारी देगा उसको ₹10 हजार का इनाम दिया जाएगा.
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इस फायर सीजन में आग की 776 घटनाएं:जंगलों की आग पर काबू पाने में वन विभाग लगभग नाकाम साबित हो रहा है. वन संपदा के साथ-साथ वन्यजीवों को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं, इस फायर सीजन 15 फरवरी से 28 अप्रैल तक कुमाऊं के जंगलों में आग की 776 घटनाएं सामने आई हैं. आग से 1319.07 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में अनुमान लगाया गया है कि वनाग्नि से ₹36,07,870 की क्षति हुई है. इस वनाग्नि में 3 लोग झुलस चुके हैं, जबकि एक व्यक्ति की मौत भी हुई है.
रामनगर की बात करें तो कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर वन प्रभाग और तराई पश्चिमी वन प्रभाग में अब तक वनाग्नि से 43.2 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक नीरज शर्मा ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अभी तक वनाग्नि की 10 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें लगभग 6.1 हेक्टेयर वन क्षेत्र वनाग्नि से प्रभावित हुआ है.
रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि अभी तक कुल वनाग्नि की 22 घटनाएं हुई हैं, जिसमें वनाग्नि की दृष्टि से फतेहपुर रेंज सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र है, उसमें अबतक 14 घटनाएं सामने आईं हैं. वहीं, कालाढूंगी और आसपास के क्षेत्र में भी वनाग्नि की घटनाएं हुई हैं, जिसमें 32 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. वहीं, तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ बलवंत सिंह साही ने बताया कि तराई पश्चिमी में वनाग्नि की 7 घटाएं हुई हैं, जिसमें 4.1 वन क्षेत्र वनाग्नि की घटना से प्रभावित हुआ है. इस प्रकार रामनगर वन विभाग में तीनों डिवीजन में 43.2 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है.