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यति नरसिंहानंद गिरि ने धर्माचार्यों को दी शास्त्रार्थ की चुनौती, बोले- हारा तो लूंगा जल समाधि - Mahamandaleshwar Yati Narsimhanand Giri

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिहानंद गिरि अपने मित्र जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के इंतजार में सर्वानन्द घाट पर बैठे हैं. यति नरसिंहानंद गिरि व स्वामी अमृतानंद ने अपने विरोधी धर्माचार्यों को शास्त्रार्थ की चुनौती दी है और पराजित होने पर गंगा में जीवित जल समाधि लेने की बात कही है.

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हरिद्वार

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Published : Feb 21, 2022, 5:28 PM IST

Updated : Feb 21, 2022, 7:00 PM IST

हरिद्वार:सर्वानन्द घाट पर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई के लिये तप कर रहे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि (Mahamandaleshwar Yeti Narasimhanand Giri) और स्वामी अमृतानंद (swami amritananda) ने धर्म संसद की आलोचना करने वाले तथाकथित संतों को गंगाजल हाथ में लेकर शास्त्रार्थ की चुनौती दी है. साथ ही शास्त्रार्थ में पराजित होने पर जीवित ही जल समाधि लेने का संकल्प लिया है.

यति नरसिंहानंद ने ललकारा: महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने कहा कि धर्म संसद को लेकर सनातन धर्म के कुछ तथाकथित संत अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं. ऐसे संत किसी न किसी राजनैतिक दल से जुड़े हुए हैं. उनकी निष्ठा धर्म के प्रति नहीं बल्कि अपने राजनैतिक आकाओं के साथ है. हमें मर्यादाओं का पाठ पढ़ाने वाले आज कहां मुंह छिपाकर बैठे हैं, जब मुस्लिम मौलानाओं का विश्व का सबसे बड़ा संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द खुलकर बम विस्फोट से निर्दोष हिन्दुओं की हत्या करने वाले जिहादियों के पक्ष में खड़ा हो गया है.

यति नरसिंहानंद गिरि ने तथाकथित संतों को दी शास्त्रार्थ की चुनौती.

यति नरसिंहानंद गिरि दी शास्त्रार्थ की चुनौती: यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा है कि हरिद्वार में बड़े-बड़े तथाकथित धर्मगुरुओं ने जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के मौलानाओं को अपने मंचों पर बुलाकर महिमा मंडित किया है. ऐसे ही तथाकथित धर्मगुरुओं के कारण आज सनातन धर्म का सम्पूर्ण अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है. इन तथाकथित धर्मगुरुओं के ये कार्य धर्म और शास्त्र के सर्वदा विरुद्ध हैं. ऐसे ही लोग हमारे विषय में दुष्प्रचार करके शत्रुओं के हाथ का खिलौना बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को हम दोनों संन्यासी रामायण, श्रीमद्भागवत, श्रीमद्भगवद गीता, कुरान और इस्लामिक इतिहास के आधार पर शास्त्रार्थ की चुनौती देते हैं.

अहंकार छोड़कर एकजुट होने की अपील: उन्होंने कहा कि हम जो कर रहें हैं ये भी धर्म का सबसे आवश्यक कार्य है. अगर हम धर्म पर आए हुए इतने विकट संकट को देखकर भी अनदेखा करते हैं, तो यह धर्म के साथ विश्वासघात होगा. अपने आप को धार्मिक समझने वाले प्रत्येक सनातनी को इस समय अपने व्यक्तिगत, सम्प्रदायगत, जातिगत व संस्थागत अहंकारों और स्वार्थों को छोड़कर धर्म की रक्षा के लिये खड़ा होना चाहिये और जो ऐसा नहीं करता वह स्वयं को धार्मिक कहलाने का अधिकारी नहीं है.

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हिंदू समाज करेगा शास्त्रार्थ में हार-जीत का फैसला: यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि आज इसी सिद्धांत पर शास्त्रार्थ के लिये हम दोनों अपने सभी विरोधियों को चुनौती दे रहे हैं. यह शास्त्रार्थ हरिद्वार में मां गंगा के तट पर होगा, जिसमें अगर हम दोनों पराजित होते हैं तो मां गंगा की गोद में जलसमाधि ले लेंगे. उन्होंने बताया कि इस शास्त्रार्थ का प्रसारण पूरी दुनिया में होगा और हिन्दू समाज ही इसमें हार-जीत का निर्णय करेगा. महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज व स्वामी अमृतानंद महाराज के संकल्प लेते समय स्वामी शैव शून्य, विक्रम सिंह यादव, सनोज शास्त्री, डॉ. अरविंद वत्स अकेला, डी के शर्मा सहित अनेक गणमान्य भक्त उपस्थित रहे.

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जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को अभी तक नहीं मिली जमानत:बता दें, हरिद्वार में हेट स्पीट मामले में महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद तो रिहा हो चुके हैं लेकिन जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी अभी भी जेल में बंद हैं. पिछले साल 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने और समुदाय विशेष की महिलाओं पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर यति नरसिंहानंद गिरि और वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पर तीन मामले दर्ज हैं. ऐसे में रिजवी को 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था.

Last Updated : Feb 21, 2022, 7:00 PM IST

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