हरिद्वार:कोरोना की दूसरी लहर की वजह से श्मशान घाटों में शवों की संख्या बढ़ती जा रही है. हरिद्वार के 3 श्मशान घाटों पर क्षमता से अधिक शव आ रहे हैं. श्मशान घाट पर स्थानीय ही नहीं बल्कि मेरठ, मुजफ्फरनगर सहित आसपास के जनपदों से भी लोग अंतिम संस्कार करने आ रहे हैं.
सामान्य दिनों की तुलना में 4 से 5 गुना अधिक शव आने से श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां कम पड़ने लगी हैं. शवों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कनखल श्मशान समिति ने शवों को जलाने पर रोक लगा दी है. ऐसे शवों को श्मशान घाट के सामने गंगा किनारे जलाने के आदेश दे दिए गए हैं. जिन ट्रकों में श्मशान घाट के लिए लकड़ियां लाई जा रही है, पुलिस कर्फ्यू का हवाला देकर उनसे भी वसूली की शिकायत सामने आ रही है.
श्मशान घाट समिति के सदस्य ने क्या कहा?
कनखल श्मशान घाट में आजकल 60 से 70 शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है जिससे अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की कमी होने लगी है. लकड़ी विक्रेता बमुश्किल लकड़ी का इंतजाम कर पा रहे हैं. यहां तक कि अखाड़ा आश्रमों के लिए लाई गई लकड़ियों का इस्तेमाल भी अंतिम संस्कार के लिए किया जा रहा है.
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