देहरादून/रुड़कीःहरिद्वार जिले में रुड़की के मेयर गौरव गोयल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. गौरव गोयल बीते लंबे समय से विवादों में रहे हैं. अफसरों के साथ भी उनकी अक्सर नोकझोंक होती भी दिखाई दी है. तमाम विवादों के बीच आखिरकार मेयर गौरव गोयल ने अपना इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है. वहीं, गौरव गोयल ने इस्तीफा देने का कारण रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा और उनके खेमे के पार्षदों और पूर्व में निगम के अधिकारियों को बताया है.
रुड़की मेयर गौरव गोयल का इस्तीफा मंजूर रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल का इस्तीफा शासन ने स्वीकार करते हुए हरिद्वार डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल को प्रशासक के तौर पर तैनाती दे दी है. रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दिया था. जिसे शासन में उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 19 के प्रावधानों के तहत स्वीकार कर लिया है.
इसके अलावा नगर निगम रुड़की के मेयर पद को रिक्त घोषित कर दिया गया है. आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मेयर का पद रिक्त होने के बाद अब जिलाधिकारी हरिद्वार रुड़की नगर निगम में प्रशासक के तौर पर नामित रहेंगे. हरिद्वार डीएम के निर्देशों के क्रम में नगर आयुक्त फिलहाल नगर निगम रुड़की के सभी रूटीन काम का निर्वहन करेंगे.
रुड़की मेयर गौरव गोयल का इस्तीफा ये भी पढ़ेंःरुड़की मेयर गौरव गोयल की वायरल ऑडियो की लैब रिपोर्ट आई, नहीं हुई आवाज की पुष्टि उनकी कुर्सी पर बैठ गया था पार्षदःगौर हो कि बीते 25 जुलाई को को रुड़की नगर निगम की बोर्ड बैठक शुरू होते जमकर हंगामा हो गया था. इस दौरान मेयर के बैठक में देरी से पहुंचने की बात कहते हुए पार्षदों ने पार्षद चंद्रप्रकाश बाटा को बैठक का अध्यक्ष नियुक्त कर मेयर की कुर्सी पर बैठा दिया था. जिसके बाद बैठक शुरू करने की बात कही गई.
इस दौरान पार्षद पंकज सतीजा ने वार्ड में लाइट न लगने का सवाल उठाया था. इसी दौरान उनकी सहायक नगर आयुक्त एसपी गुप्ता से तीखी नोकझोंक हो गई थी. जब बात ज्यादा गरमाई तो निगम के कर्मचारियों ने सहायक नगर आयुक्त का अपमान करने का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया था.
ये भी पढ़ेंः रुड़की मेयर गौरव गोयल के खिलाफ मुकदमा दर्ज, 25 लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप वहीं, इस घटनाक्रम होने के बाद बैठक में पहुंचे नगर आयुक्त ने कर्मचारियों से वार्ता की. जिस पर कर्मचारियों ने स्पष्ट रूप से बैठक में जाने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अपमानित होने के बाद वो किसी कीमत पर काम नहीं करेंगे. इसके बाद नगर आयुक्त फिर से सदन में आ गए. उन्होंने पार्षदों को बताया कि वो उनके बीच हैं, लेकिन कर्मचारी अपमान होने के बाद बैठक में नहीं आएंगे.
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पार्षद बैठक शुरू होने की मांग करते रहे. बाद में पार्षदों ने निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान मेयर गौरव गोयल भी बैठक में आ गए. पार्षद को अपनी कुर्सी पर बैठा देख मेयर गौरव गोयल को गुस्सा आ गया और वापस चले गए. जिसके बाद मेयर ने बैठक को स्थगित करने का ऐलान कर दिया. अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया. रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल अपने चार सालों का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाए.
विवादों से मेयर गौरव गोयल का रहा नाताःबता दें कि मेयर गौरव गोयल चुनाव जीतने के बाद से ही लगातार विवादों में रहे हैं. इस दौरान अधिकारियों से भी उनकी सीधी नोकझोंक भी दिखाई दी है. पिछले दिनों एक ऑडियो भी उनका वायरल हुआ था. जिसके बाद वो काफी ज्यादा विवादों में आए थे. इससे पहले गौरव गोयल रिश्वत के मामले में विवादों में रहे. वहीं, बीजेपी ने गौरव गोयल को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित भी कर दिया था.
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