हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में बढ़ती भीड़ और जाम की समस्या को देखते हुए शहर में पॉड टैक्सी चलाने पर विचार किया गया. पॉड टैक्सी के रूट और डीपीआर पर काम शुरू हो चुका है. सरकार का मानना है कि पॉड टैक्सी के चलने से हरिद्वार में एक तरफ जहां जाम की समस्या खत्म होगी, वहीं पर्यटकों को भी काफी सहूलियत मिलेगी, लेकिन समस्या यह है कि स्थानीय व्यापारी पॉड टैक्सी का विरोध कर रहे हैं.
हरिद्वार में व्यापारियों ने डमरू बजाकर किया पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट का विरोध, हाईकोर्ट जाने की चेतावनी
धर्मनगरी हरिद्वार में एक तरफ जहां सरकार पॉड टैक्सी को लेकर डीपीआर और रूट तैयार करने में लगी हुई है, वहीं हरिद्वार के स्थानीय व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं. कुछ व्यापारियों ने जहां पॉड टैक्सी के रूट पर आपत्ति जताई है, तो वहीं कुछ व्यापारी पॉड टैक्सी के संचालन का ही विरोध कर रहे हैं.
मंगलवार चार अप्रैल को हरिद्वार में प्रांतीय उघोग व्यापार मंडल ने डमरू बजा कर अनोखे अंदाज में पॉड टैक्सी का विरोध किया. प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल हरिद्वार के अध्यक्ष डॉ नीरज सिंघल का कहना है कि वे हरिद्वार में पॉड टैक्सी का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन हरिद्वार एक कुंभ नगरी है. यहां बाजारों में रोड काफी संकरी हैं, जिसके चलते पॉड टैक्सी के रूट का विरोध किया जा रहा है.
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नीरज सिंघल ने हरिद्वार जिला प्रशासन से मांग की है कि व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए पॉड टैक्सी के रूट को बदला जाए. वहीं, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री संजय त्रिवाल ने कहा कि हरिद्वार के अपर रोड पर व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस रूट पर पॉड टैक्सी का विरोध करते हैं. उनका कहना है कि हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होता है. इसमें अखाड़ों की पेशवाई निकलती है. पॉड टैक्सी के रूट के चलते पेशवाओं के रूट में बाधा उत्पन्न होगी. वे प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से कहना चाहते हैं कि हरिद्वार में पॉड टैक्सी की आवश्यकता नहीं है. जिला प्रशासन अगर उनकी मांग नहीं मानता है तो प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल धरना प्रदर्शन करेगा. जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट तक जाएंगे.