हरिद्वार: राजाजी टाइगर रिजर्व के किनारे बसे भेल में हाथियों की धमक से लोग खौफजदा (Haridwar Elephant Terror) हैं. सर्दियां शुरू होते ही एक बार फिर जंगली हाथियों की आवाजाही में एकाएक इजाफा हो गया है. शनिवार शाम भेल मुख्य चिकित्सालय परिसर में दो दांत वाला टस्कर हाथी दिखने से वहां अफरा-तफरी (haridwar bhel elephant terror) मच गई. गनीमत रही कि हाथी ने किसी को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया
हरिद्वार के इस इलाके में फिर दिखाई दिया टस्कर हाथी, रहें सावधान - टस्कर हाथी
हरिद्वार भेल मुख्य चिकित्सालय परिसर में दो दांत वाला टस्कर हाथी दिखने से वहां अफरा-तफरी (haridwar bhel elephant terror) मच गई. गनीमत रही कि हाथी ने किसी को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. कई बार वन प्रभात हरिद्वार (Haridwar Forest Division) को इसकी सूचना दी जा चुकी है, इसके बाद भी जिम्मेदार कोई कदम नहीं उठा रहे हैं.
बता दें की किसी समय में वीरान जंगल भेल ( BHEL area in Haridwar) वर्तमान में औद्योगिक नगरी है. लेकिन जंगल में रहने वाले हाथी सरीखे विशालकाय जानवर अभी भी इसे अपना इलाका मानते हैं और सर्दियों का मौसम शुरू होते ही इन इलाकों में चहलकदमी करना शुरू कर देते हैं. पिछले कुछ दिनों से भेल के रिहायशी इलाकों के साथ अस्पताल तक में गजराज चहलकदमी (bhel elephant terror) करते नजर आ रहे हैं. अस्पताल के पीछे की बाउंड्री वॉल तोड़ हाथियों ने अपना रास्ता बना दिया है. हाथी न केवल रात, बल्कि दिन में भी इसी रास्ते से गुजरते हैं.
शनिवार शाम भी अस्पताल परिसर में दो दांत वाला गजराज आने से लोगों में अफरातफरी मच गई. उस समय भेल अस्पताल में मरीजों की भीड़ थी, जिसके चलते लोगों में दहशत का माहौल बन गया. कई बार वन प्रभात हरिद्वार (Haridwar Forest Division) को इसकी सूचना दी जा चुकी है, शायद आला अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं. जबकि हाथी पहले भी कई लोगों को जान ले चुके हैं. इसके बावजूद जिम्मेदार कोई कदम नहीं उठा रहे हैं.