हरिद्वारः आज महाकुंभ 2021 का दूसरा शाही स्नान है. सोमवार को अमावस्या पड़ने से यह योग कुंभ पर्व के साथ-साथ सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व भी है. वैसे तो सभी अमावस्या के महत्व हैं, लेकिन सोमवती अमावस्या को काफी पुण्यदायी और जीवनदायी माना जाता है. इस पर्व पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है. श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं. महाकुंभ के अवसर पर कोरोना की गाइडलाइन के बीच गंगा स्नान करने के लिए यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आए हुए हैं.
सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि इस अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. सोमवती अमावस्या यानि गंगा स्नान कर पुण्य कमाने का मौका है. कुंभ पर्व के मौके पर गंगा तटों पर भारी भीड़ लगी हुई है. हरिद्वार के विभिन्न घाटों में आज तड़के से ही गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ने लगा है.
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भीष्म पितामह ने की थी सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा
पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है, लेकिन सोमयुता अर्थात सोमवती या भोमयुता या फिर भौमवती अमावस्या विशेष पुण्यदायी होती है. आप इसके पुण्य का इसी बात से प्रभाव लगा सकते है कि इस सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में खुद भीष्म पितामह ने अपनी शर शैय्या पर पड़े रहे. उस समय कई सालों के बाद सोमवती अमावस्या पड़ी थी.