देहरादून/काशीपुर/हरिद्वार/ हल्द्वानी/पौड़ीः कोरोनाकाल ने हर त्योहार को अपनी चपेट में ले लिया. 22 मार्च के बाद से भारत में कोरोना की ऐसी मार पड़ी कि हर बाजार, हर तबका और हर त्योहार को नजर सी लग गई. हालांकि धीरे-धीरे लोगों का व्यवसाय, नौकरी और बाजार पटरी पर लौटने लगा है. 14 नवंबर को दीपावली और और कल यानि 13 को धनतेरस. हर साल हर्षोल्लास से मनाए जाने वाले इस त्योहार को लेकर आम जनमानस और व्यापारी वर्ग खासा उत्साहित रहता है. कोरोना काल में आज बाजार थोड़ा धीमा है लेकिन पिछले त्योहारों के मद्देनजर इस बार बाजारों में रौनक ज्यादा है. यही कारण है कि विभिन्न सामानों की खरीददारी के लिए ग्राहक और ग्राहकों की बढ़ती आवक ने व्यापारियों के चेहरे खिला दिए हैं.
हल्द्वानी में व्यापारियों को महालक्ष्मी की कृपा की उम्मीद
शुक्रवार को धनतेरस और शनिवार को दीपावली मनाई जानी है. ऐसे में कुमाऊं की आर्थिक राजधानी हल्द्वानी के बाजार सज चुके हैं. धनतेरस को लेकर विभिन्न बाजारों में खरीदारी करने के लिए लोगों ने बाजारों का रुख करना शुरू कर दिया है. कोरोना काल में आर्थिक संकट झेल रहे व्यापारी वर्ग को इस बार लक्ष्मी माता की कृपा की उम्मीद है. उन्हें आशा है कि इस बार अच्छी खरीददारी होगी.
ग्राहकों को लुभाने के लिए बाजारों में कई तरह के उत्पाद देखे जा रहे हैं. इस बार बाजारों में सबसे खास बात ये है कि चाइनीज उत्पादों की तुलना में भारतीय उत्पाद काफी ज्यादा हैं. हल्द्वानी के बर्तन बाजार, पटेल चौक और मीरा मार्ग पर लोगों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है. व्यापार मंडल के अध्यक्ष और हल्द्वानी के सबसे बड़े बर्तन विक्रेता राजीव अग्रवाल को उम्मीद है कि दीपावली और धनतेरस के मौके पर व्यापारियों पर धन वर्षा होगी. उन्होंने बताया कि लोग और स्वयं व्यापारी वर्ग सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 के नियमों का पालन कर रहा है.
हरिद्वार में बाजार की सजावट से दुकानों में ग्राहकों की भीड़
हर साल की तरह इस साल भी हरिद्वार में व्यापार मंडल ने बाजारों को आकर्षित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है. दुकानदारों ने ग्राहकों को अपनी दुकानों में खींचने के लिए अलग-अलग तरह की लाइट से सजावट की है, जो काफी अच्छी लग रही है. व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि हर साल हम दिवाली पर बाजार को लाइटों से सजाते हैं लेकिन इस बार दुकानदारों ने भी अपनी ओर से दुकानों को सजाया है.
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स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि इस बार मार्केट में सजावट इत्यादि होने से ग्राहक काफी आकर्षित हो रहे हैं. साथ ही कोविड-19 संक्रमण के बाद अब जाकर मार्केट में थोड़ी रौनक लौटी है. दुकानदारों को उम्मीद है कि दिवाली पर लोग ज्यादा से ज्यादा खरीददारी करेंगे और उनकी सेल भी काफी अच्छी होगी. दुकानदारों का कहना है कि इस बार कोविड-19 नियमों का भी पालन किया जा रहा है. सिर्फ दुकानदार ही नहीं ग्राहक भी इसे लेकर काफी सजग हैं.
धनतेरस को लेकर टिहरी के बाजारों में ग्राहकों की भीड़
कोरोना काल के बीच धनतेरस को लेकर व्यापारियों में बिक्री कम होने का डर है. हालांकि बाजारों में उमड़ी भीड़ से दुकानदारों के चेहरों पर मुस्कान है. टिहरी जिले के बौराड़ी और नई टिहरी बाजार में लोगों की खूब भीड़ जुट रही है. धनतेरस के महत्व को देखते हुये लोग बर्तन, मिठाई व चांदी खरीदते नजर आ रहे हैं.
धार्मिक महत्व के अनुरूप बाजारों में खरीददारी के लिए भीड़ जुट रही है. लक्ष्मी पूजन की तैयारियों के साथ ही घरों में साफ-सफाई पर लोग तन्मयता से जुटे दिखे. दुकानों में सजी रंगी-बिरंगी मालायें, लड़ियां और साजसज्जा के सामानों से ग्राहक दुकानों में आकर्षित हो रहे हैं.
धन तेरस का महत्व
दिवाली का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है. शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन समुद्र मंथन के दौरान देवताओं के चिकित्सक भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. धनतेरस भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ धन-धान्य की वर्षा करने वाला त्योहार है. धनतेरस के दिन धन प्राप्ति और परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं. इस दिन भगवान धन्वंतरि, कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यम की पूजा भी की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन यम देवता की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है.
धनतेरस पर काशीपुर के बाजार गुलजार
दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस के त्योहार के मद्देनजर काशीपुर और आसपास के क्षेत्रों में बाजार गुलजार नजर आए. हालांकि कोरोना के चलते और बाजार में महंगाई का मिलाजुला असर भी दिखाई दे रहा है. धनतेरस के त्योहार के मद्देनजर बर्तनों की दुकानों पर खासी भीड़ देखी गई.
दरअसल, धनतेरस के त्योहार पर बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है. बाजार में आने वाली महिला ग्राहकों के मुताबिक धनतेरस के दिन बर्तन और आभूषण आदि खरीदना शुभ माना जाता है. कोरोना और महंगाई की मार के चलते बर्तन 20 प्रतिशत अधिक महंगे हो गए हैं. दुकानदार भी इस बार नए तरह के उत्पाद नहीं लाये हैं.