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बाबा रामदेव ने निर्भया गैंगरेप में आए फैसले का किया स्वागत, JNU को बताया राजनीति का अड्डा - योग गुरु बाबा रामदेव

योग गुरु बाबा रामदेव ने निर्भया गैंगरेप मामले ने कोर्ट द्वारा सुनाई गई चारों आरोपियों को सजा-ए-मौत का स्वागत किया है. उन्होंने जेएनयू में हुई घटना का भी खुलकर विरोध किया.

बाबा रामदेव
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Published : Jan 8, 2020, 2:25 PM IST

हरिद्वारः 7 साल बाद निर्भया गैंगरेप मामले को लेकर कोर्ट द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है. जिसमें चारों आरोपियों को 22 जनवरी को सजा ए मौत देने का एलान किया गया. बाबा रामदेव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस फैसले का स्वागत किया. साथ ही बाबा रामदेव ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं को लेकर हर राज्यों में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए, जिससे ऐसी घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.

बाबा रामदेव ने निर्भया गैंगरेप में आए फैसले का किया स्वागत.

वहीं जेएनयू में हुई घटना को बाबा रामदेव ने शर्मनाक बताया और जिन लोगों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया, उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बाबा रामदेव ने जेएनयू को राजनीति का अड्डा बनाने की बात भी कही.

बाबा रामदेव ने कहा कि जिस तरह निर्भया ने दर्द और खौफ को झेला है ऐसा और कोई बेटी न झेले, ऐसी घटना को अंजाम देने वालों के लिए हर राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाना चाहिए. जिससे गैंगरेप जैसी घटनाओं पर तुरंत आरोपियों को सजा हो सके. क्योंकि जिस तरह से देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक भय का वातावरण है.

बाबा रामदेव ने कहा कि इस फैसले को लेकर अगर आरोपी राष्ट्रपति से क्षमा की अर्जी लगाते हैं तो वहां पर भी इस मामले पर तुरंत फैसला होगा. उन्होंने आगे कहा कि निर्भया की मां को कितनी पीड़ा हुई होगी यह वही जानती हैं.

निर्भया की मां को में दाद देता हूं जो आरोपियों को सजा दिलाने के लिए लड़ती रहीं. वहीं जेएनयू में हुई घटना को लेकर बाबा रामदेव ने कहा कि जेएनयू सहित देश के कई शिक्षण संस्थान राजनीति का अड्डे बन गए हैं. उससे भी कहीं ज्यादा खतरनाक गैंगवार के अड्डे बन रहे हैं. यह देश के लिए बहुत ही शर्मनाक है.

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शिक्षा संस्थानों में ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं होनी चाहिए पहले जंगलों में इस तरह से गैंगवार होता था अब शिक्षा संस्थानों में ऐसा माहौल देखने को मिल रहा है. यह बहुत ही शर्मनाक है. शिक्षा संस्थानों में इस तरह का गैंगवार किसी भी तरह से सही नहीं है. अगर छात्र शिक्षा संस्थानों में इस तरह की राजनीति सीखेंगे तो वह देश का नेतृत्व कैसे करेंगे. यह छात्र राजनीति नहीं है, ये छात्र गुंडागर्दी है, जो छात्र शिक्षा संस्थानों में ऐसी गुंडागर्दी करते हैं. उनको वहां से निष्कासित करना चाहिए और जो भी अपराध की सजा होती है उनको मिलनी चाहिए. ऐसे गुंडागर्दी करने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय में नहीं जेल में होना चाहिए.

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