हरिद्वार/खटीमा/देहरादून: देश आज पुलवामा आतंकी हमले की आज दूसरी बरसी मना रहा है. आज पूरा देश अपने उन जांबाज जवानों के बलिदान को याद कर रहा है, जिन्होंने इस आतंकी हमले में अपनी जान गंवा दी थी. पुलवामा आतंकी हमले के दो साल बाद आज भी देश को वो दिन याद है, जब एक आत्मघाती हमलावर ने सुरक्षाबलों को ले जा रही एक बस में आईईडी लदी गाड़ी से टक्कर मारी थी और इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. प्रदेश में भी आज अलग-अलग जगहों में शहीदों की याद में विभिन्न कार्यक्रम किये गये. जहां शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.
पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर याद किये गये शहीद खटीमा के लाल ने दी थी शहादत
देश के लिए प्राण न्येछावर करने वाले वीर जवानों में उत्तराखंड के खटीमा का लाल वीर शहीद वीरेंद्र सिंह राणा भी थे. पुलवामा शहादत के दो साल बीतने के बाद शहीद के परिवार का क्या हाल, शहादत के समय सरकार द्वारा शहीद के परिवार से किये वायदों में सरकार कितना खरा उतरी, क्या है शहीद वीरेंद्र के परिवार ये जानने के लिए हमारी टीम उनके घर पहुंची.
आज भी सिसक उठती हैं शहीद की पत्नी
14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को आज भी देश भूल नहीं पाया है. इस दिन उत्तराखण्ड के उधम सिंह नगर जिले के खटीमा निवासी शहीद वीरेंद्र सिंह राणा भी शहीद हुये थे. इस आतंकी हमले ने शहीद वीरेंद्र के परिवार से बहुत कुछ एक झटके में छीन लिया था.
शहीद हुए मोहनलाल रतूड़ी के परिजनों से मिले कांग्रेसी. इन दो सालों में वीरेंद्र की शहादत के बाद परिवार ने खुद को संभालने की कोशिश की है. वीरेंद्र की पत्नी रेनू राणा को उत्तराखण्ड सरकार की तरफ से तहसील खटीमा में चतुर्थ श्रेणी पद पर नौकरी मिली है. जहां पर नौकरी कर शहीद की पत्नी अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही है. शहीद वीरेंद्र की याद में जहां आज भी दो साल बाद शहीद की पत्नी रेनू सिसक उठती हैं.
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शहीद के पिता ने सरकार पर लगाये आरोप
वहीं, शहीद वीरेंद्र के पिता अपनी बहू की नौकरी के बाद अपने बड़े बेटे के साथ गांव में ही रह रहे हैं. उनके अनुसार सरकार ने न तो शहीद द्वार बनावाया और न ही शहीद की कोई मूर्ति लगवाई. शहीद के पिता उत्तराखण्ड सरकार से अपने शहीद बेटे के सम्मान में अपने वादों को पूरा करने की बात कह रहे हैं.
दो साल बाद भी वायदों को नहीं किया गया पूरा
पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर उत्तराखण्ड के लाल वीर शहीद वीरेंद्र सिंह राणा के परिवार से किये वादे एक साल बाद भी अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है. वहीं, शहीद का परिवार जरूर ये सवाल पूछ रहा है कि क्यों उनके शहीद बेटे के सम्मान में सरकार द्वारा किये गए वायदे आज तक पूरे नहीं किये गये.
शहीद हुए मोहनलाल रतूड़ी के परिजनों से मिले कांग्रेसी
पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना सीआरपीएफ जवान मोहनलाल रतूड़ी के परिजनों से मुलाकात करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सूर्यकांत धस्माना ने शहीद मोहनलाल रतूड़ी की धर्मपत्नी सरिता, उनकी पुत्रियों वैष्णवी, गंगा और उनके सुपुत्र राम को शॉल और अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया. इस मौके पर सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि हम किसी भी सम्मान या उपहार से शहीदों का कर्ज नहीं चुका सकते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर हाल में सैन्य बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.
पुलवामा हमले के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
मसूरी में पुलवामा हमले में हुए शहीदों को मसूरी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने श्रद्धांजलि दी और शहीदों की शहादत को नमन किया. इस अवसर पर एबीवीपी के एसएफडी प्रांत सहप्रमुख आशीष जोशी ने कहा की इस दिन दो वर्ष पूर्व हमारे सैनिकों ने पुलवामा में शहादत दी थी और शहीदों की शहादत देश कभी नहीं भूलेगा.
डोईवाला में कैंडल मार्च
डोईवाला में पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर सैकड़ों किसानों ने कैंडल मार्च निकालकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान लोगों ने कहा कि देश के जवानों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
हरिद्वार में गंगा घाट पर श्रद्धांजलि सभा
वहीं, हरिद्वार में आज पुलवामा की दूसरी बरसी पर आज समाज सेवियों ने गंगा घाट पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की. जिसमें आज के दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाए जाने की मांग की गई. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गंगा में पूजन और दीप दान कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर समाजसेवी विशाल गर्ग ने कहा कि पुलवामा में शहीद हुए जवानों को वे अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.