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चैत्र पूर्णिमा पर कुंभ का अंतिम शाही स्नान, जानिए धार्मिक महत्व - Kumbh on Chaitra Purnima

चैत्र पूर्णिमा को भाग्यशाली पूर्णिमा भी माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने, गंगा स्नान और पूजन करने से सारे मनोरथ पूरे होते हैं.

Last shahi snan of haridwar Kumbh
कुंभ का अंतिम शाही स्नान

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Published : Apr 27, 2021, 7:18 AM IST

Updated : Apr 27, 2021, 8:40 AM IST

हरिद्वार: आज चैत्र पूर्णिमा पर महाकुंभ का अंतिम शाही स्नान है. आज अखाड़े के संन्यासी कुंभ का अंतिम शाही स्नान करेंगे. हालांकि, कोरोना संक्रमण की वजह से यह स्नान प्रतीकात्मक रहेगा. मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन देवी-देवता कुंभ में अदृश्य होकर गंगा स्नान करने आते हैं. माना जाता है कि ऐसे में जो व्यक्ति आज गंगा स्नान करता है, वह पुण्य का भागी बनता है. कुंभ का अंतिम स्नान तीनों बैरागी अणियों के लिए सबसे खास माना जाता है. इस दिन वैष्णवों का तिलक वैभव दर्शनीय होता है.

कुंभ का अंतिम शाही स्नान

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चैत्र पूर्णिमा के स्नान और उसकी महिमा के विषय मे उज्जवल पंडित बताते हैं कि पूर्णिमा का व्रत तो हर महीना आता है. लेकिन सनातन धर्म में चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है. चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा कहते हैं. चैत्र हिंदी वर्ष का प्रथम मास होता है, इसलिए इसे प्रथम चंद्रमास भी कहा जाता है.

चैत्र पूर्णिमा को भाग्यशाली पूर्णिमा भी माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने, गंगा स्नान और पूजन करने से ना सिर्फ मनोकामना की पूर्ति होती है, बल्कि भगवान की भी अपार कृपा रहती है. उस पर कुंभ पर्व का होना, अपने आप मे विशेष महत्व रखता है.

Last Updated : Apr 27, 2021, 8:40 AM IST

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