हरिद्वार: कुंभ मेला हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है. हर 12 साल में चार स्थानों पर कुंभ मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में देश और विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. कुंभ मेले के शाही स्नान का काफी महत्व होता है. इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, लेकिन कुंभ मेले में होने वाले शाही स्नान के दिन किसी भी वीआईपी को एंट्री नहीं मिलती है. आखिर क्यों वीआइपीओ को शाही स्नान वाले दिन कुंभ मेले में आना प्रतिबंधित है और इस मामले से क्यों जुड़ा है देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाता. देखिए यह रिपोर्ट.
कुंभ मेले के शाही स्नान में साधु संत और देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य के भागी बनते हैं, लेकिन भारत देश आजाद होने के बाद से जितने भी कुंभ आयोजित हुए हैं. उसमें वीआइपी के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. वह भी इस कारण कि जब देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू देश आजाद होने के बाद प्रयागराज कुंभ में पहुंचे थे, तब कुंभ में एक बड़ा हादसा हो गया था. उसमें कई लोगों की जान गई थी.
13 अखाड़ों में प्रमुख बड़े अखाड़े के मुख्य महंत और कुंभ मेला प्रभारी दुर्गादास का कहना है कि देश आजाद होने के बाद पहला कुंभ प्रयागराज में हुआ था. शाही स्नान वाले दिन सभी अखाड़ों के संत अपने समय के अनुसार स्नान करने जा रहे थे. इस दौरान देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी प्रयागराज पहुंचे और नाव पर सवार होकर संगम की ओर जाने रहे थे. तभी लाखों की संख्या में प्रयागराज कुंभ में पहुंचे श्रद्धालु, उन्हें देखने के लिए पहुंचे और वहां पर भगदड़ मच गई. इसी वक्त अखाड़ों के साधु संत भी स्नान करने निकले थे और इस घटना में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई.