हरिद्वार: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी अभी सुलझी नहीं है. उन्होंने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने उत्तराधिकारी का जिक्र किया है. नरेंद्र गिरि ने बलबीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनाया है. बलबीर गिरि उत्तराखंड के रहने वाले हैं और फिलहाल बिल्केश्वर मंदिर हरिद्वार में व्यवस्थापक पद पर तैनात हैं.
कौन है बलबीर गिरि: बताया जाता है कि आनंद गिरि और बलबीर गिरि दोनों ही नरेंद्र गिरि के प्रिय शिष्यों में एक थे. बीते 15 सालों से बलबीर गिरि महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य थे. वो मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. बलबीर गिरि ने साल 2005 में अपना घर परिवार छोड़ते हुए संन्यास ले लिया था. नरेंद्र गिरि ने बलबीर गिरि को शिक्षा दी थी और हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया था.
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साल 2021 के कुंभ से पहले साल 2020 में बलबीर गिरि को हरिद्वार के प्रमुख मंदिरों में से एक बिल्केश्वर की कमान सौंपी गई थी. अपनी कार्यशैली से तेजतर्रार बलबीर गिरि ने मंदिर में कई बदलाव कर चुके. उन्हें अखाड़े में उप-महंत की उपाधि इस वक्त मिली हुई थी.
बताया जाता है कि बलवीर गिरि और आनंद गिरि एक साथ ही महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बने थे. दोनों की आपस में अच्छी बनती भी थी. लेकिन आनंद गिरि का रवैया और व्यवहार बलबीर गिरि को पसंद नहीं आया और उन्होंने उनसे दूरी बना ली थी. इसी बीच वह नरेंद्र गिरि के सबसे प्रिय शिष्य बन गए. जब महंत ने आनंद गिरि को निष्कासन किया था तो बलवीर गिरि नंबर दो की हैसियत पर आ गए थे.