हरिद्वार: बीते कुछ समय से हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने जिले में हो रहे अवैध निर्माणों के खिलाफ शिकंजा कसा हुआ है. गुरुवार शाम विभागीय टीम ने ज्वालापुर क्षेत्र में बिना मानकों और अनुमति के तैयार किए गए 4 मंजिला इमारत को सील कर दिया. विभाग की इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति बनी रही. लेकिन इसमें एक बड़ा सवाल यह भी है कि विभाग को निर्माण पूरा होने के बाद ही सीलिंग की याद क्यों आई.
एचआरडीए ने ज्वालापुर में चार मंजिला इमारत की सील, बिना मानक और अनुमति के बनाने का आरोप
हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण की टीम ने ज्वालापुर क्षेत्र में एक बहुमंजिला इमारत को सील कर दिया. चार मंजिला ये इमारत पिछले डेढ़ साल से बन रही थी. जैसे ही इमारत बनकर खड़ी हुई एचआरडीए ने उसे सील कर दिया. आरोप है कि ज्वालापुर इलाके में ये इमारत बिना मानकों और अनुमति के बनाई गई है.
आपको बता दें कि हरिद्वार में इन दिनों चारों तरफ जमकर अवैध कॉलोनियां कट रही हैं. धड़ल्ले से अवैध निर्माण भी जारी हैं. जिनके खिलाफ प्राधिकरण तेजी से कार्रवाई कर रहा है. गुरुवार शाम हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण की टीम ने ज्वालापुर क्षेत्र में पहुंच एक बहुमंजिला इमारत को सील कर दिया. विकास अग्रवाल पुत्र विनोद अग्रवाल मैनेजर सूर्या जेवीजी कम्पनी द्वारा 45 मीटर मुख्य मार्ग ज्वालापुर सिडकुल रोड हरिद्वार में बिना अनुमति चार मंजिला व्यवसायिक/कार्यालय भवन का निर्माण करा लिया गया था. जिसे प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता माधवानंद जोशी ने स्टाफ के साथ पुलिस बल की उपस्थिति में सील कर दिया.
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अबतक सुस्त क्यों था प्राधिकरण: गुरुवार शाम प्राधिकरण की एक टीम ने पुलिस बल के साथ जाकर जिस बहुमंजिला इमारत को सील किया वह कोई एक-दो दिन में बनकर तैयार नहीं हुई थी. पिछले करीब डेढ़ वर्ष से इस निर्माण कार्य को किया जा रहा था. अब जब यह भवन बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया, तब प्राधिकरण को इस भवन को सील करने की याद आई. आपको बता दें कि शहर में ऐसी कई इमारते हैं जिनकी तरफ प्राधिकरण शुरुआती समय में ध्यान ही नहीं देता. जब यह भवन बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं, तब प्राधिकरण को इनको सील करने की याद आती.