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जल प्रलय पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए हरिद्वार के संत - जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी

जोशीमठ के पास आए जल प्रलय को आज चौथा दिन है. राहत बचाव दल बिना रुके दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है. हरिद्वार के संतों का कहना है कि घटना बहुत दुखद है और जो भी सरकार या लोगों की मदद हो सकेगी संत जरूर करेंगे.

haridwar saints
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Published : Feb 10, 2021, 1:20 PM IST

Updated : Feb 10, 2021, 2:06 PM IST

हरिद्वारः चमोली में गत 7 फरवरी को आई त्रासदी में हुई तबाही के बाद जहां केन्द्र और अन्य राज्यों से मदद के हाथ बढ़ रहे हैं, वहीं अब कुंभनगरी हरिद्वार के संत भी आपदा प्रभावितों के सहयोग के लिए आगे आए हैं. संतों का कहना है कि हम तन-मन-धन से इस दुख की घड़ी में सरकार के साथ खड़े हैं.

मदद के लिए आगे आए हरिद्वार के संत

चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया था. इस जल प्रलय में अभी तक 32 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं और 174 लोग अभी भी लापता हैं. आपदा की इस घड़ी में सहायता के लिए केन्द्र और राज्य की सरकारें हर संभव प्रयास कर रही हैं. वहीं घटना से आहत संत भी पीड़ित लोगों की सहायता को आगे आते दिख रहे हैं. हरिद्वार में संतों का कहना है कि घटना बहुत दुखद है और जो भी सरकार या लोगों की मदद हो सकेंगी हरिद्वार के संत जरूर करेंगे.

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जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी का कहना है कि चमोली जनपद में आयी प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों को मदद पहुंचाने के लिए भी आश्रम की ओर से पूरे प्रयास किए जाएंगे. श्रीमहंत परमेश्वरदास का कहना है कि इस आपदा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए हम प्रार्थना करते हैं. उत्तराखंड में आयी प्राकृतिक आपदा ने प्रत्येक व्यक्ति को झकझोर दिया है. उन्होंने कहा कि संत समाज आपदा प्रभावितों व उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता है और सरकार से मांग करता है कि आपदा प्रभावित सभी परिवारों को पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराए और मुआवजा धनराशि को जारी करे.

Last Updated : Feb 10, 2021, 2:06 PM IST

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