हरिद्वार: कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से इस बार मकर संक्रांति के गंगा स्नाम पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया. जिसके कारण श्रद्धालु हर की पैड़ी पर स्नान नहीं कर पाये. श्रद्धालुओं को हरकी पैड़ी पहुंचने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर पुलिस बल तैनात किया गया था. सीमाओं को भी सील किया गया था. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को सीमाओं से ही वापस लौटा दिया गया. स्नान को प्रतिबंधित किए जाने पर तीर्थ पुरोहितों व व्यापारियों ने नाराजगी व्यक्त की.
हर की पैड़ी पर स्नान प्रतिबंधित होने के कारण हरिद्वार के दूसरे घाटों पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान और पूजा अर्चना की. श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर भगवान भास्कर को गंगा जल से अध्र्य अर्पण किया. जिसके बाद सुख-समृद्धि की कामना की. साथ ही खिचड़ी व तिल से बने पदार्थों का दान भी किया गया.
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एसएसपी डॉ.योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कोविड संक्रमण के चलते हरकी पैड़ी व आसपास के घाटों पर मकर संक्रांति स्नान को प्रतिबंधित किया गया है. जिसके तहत हरकी पैड़ी व अन्य घाटों पर भीड़ इकठ्ठा ना हो इसके लिए पुलिस बल तैनात किया गया है.
तीर्थ पुरोहित सिद्धार्थ चक्रपाणी ने बताया कि सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने को संक्रांति कहा जाता है. स्नान पर प्रतिबंध लगाए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सिद्धार्थ चक्रपाणी ने कहा कि प्रशासन की दोहरी नीति है. हरकी पैड़ी व आसपास के घाटों पर स्नान प्रतिबंधित किया गया है, जबकि अन्य घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं. प्रशासन को प्रतिबंध लगाना था तो पूरी तरह लगाना चाहिए था, या फिर कोविड गाइडलाइन के तहत स्नान की अनुमति देनी चाहिए थी.
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व्यापारी नेता संजय त्रिवाल ने कहा प्रशासन मनमर्जी कर रहा है. श्रद्धालुओं के केवल हरकी पैड़ी आने पर प्रतिबंध लगाया गया है. व्यापारी तीन साल से मंदी का सामना कर रहे हैं. स्नान पर प्रतिबंध लगाकर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है. व्यापारी इसका जवाब चुनाव में देंगे.