रुड़की: नैनीताल हाईकोर्ट की रोक के बाद मंगलौर में पिछले लंबे समय से स्लाटर हाउस का निर्माण चल रहा था. मौके पर पहुंची प्राधिकरण की टीम ने निरीक्षण किया. साथ ही स्लाटर हाउस के निर्माण संबंधी सभी दस्तावेजों को बारीकी से खंगाला. भाजपा नेता ने स्लाटर हाउस के निर्माण में अनदेखी का आरोप लगाया था.
बता दें कि मंगलौर में पीपी मोड पर स्लाटर हाउस का निर्माण पिछले लंबे समय से चल रहा था, जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.
स्लाटर हाउस का निरीक्षण करने पहुंची प्राधिकरण टीम. भाजपा नेता जमीर हसन ने स्लाटर हाउस के निर्माण की प्राधिकरण के अधिकारियों से शिकायत की थी. भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि स्लाटर हाउस के निर्माण में नियमों की अनदेखी की गई है, जिसमें प्राधिकरण से भी अनुमति नहीं ली गई है. साथ ही जमीर हसन का आरोप था कि नगरपालिका मंगलौर की भूमिका भी स्लाटर हाउस को लेकर ठीक नहीं थी. नगर पालिका चाहती तो स्लाटर हाउस का निर्माण कार्य को रोका जा सकता था. ये भी पढ़ें:2019 के पहले ट्रैकिंग दल ने सतोपंथ झील पर फहराया तिरंगा, यहीं से स्वर्ग गए थे पांडव
भाजपा नेता की शिकायत पर प्राधिकरण अधिकारी सतीश चौहान ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर जांच की. साथ ही उन्होंने पाया कि नगरपालिका से स्लाटर हाउस की तो अनुमति मिली है, लेकिन अभी एचआरडीए की अनुमति के लिए जांच किए जाने की आवश्यकता है.
वहीं, सतीश चौहान के अनुसार, उन्होंने अपनी तमाम रिपोर्ट प्राधिकरण के सचिव को भेज दी है. इस बाबत में जब मेसर्स एचएम एग्रो फूड्स के डायरेक्टर से संपर्क किया गया तो अजीम हुसैन का कहना था कि उनके पास स्लाटर हाउस की सभी औपचारिकताएं पूरी हैं. प्राधिकरण को सभी जानकारी उन्होंने उपलब्ध करा दी है. स्लाटर हाउस का निर्माण कार्य नियमानुसार ही किया जा रहा है.
बता दें कि स्लाटर हाउस के निर्माण के विरोध में मंगलौर के भाजपा नेता जमीर हसन और कुछ हिंदू संगठनों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया था. साथ ही जमीर हसन ने नगरपालिका मंगलौर से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत स्लाटर हाउस से जुड़ी कुछ सूचनाएं भी मांगी थी. फिलहाल स्लाटर हाउस का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है.