हरिद्वार:पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद शिवालिक नगर लूटकांड का अंतिम और 25000 का इनामी आरोपी पुलिस को गच्चा देकर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर गया और पुलिस देखती रह गई. हालांकि, पुलिस ने आरोपी पर पिछले कुछ दिनों से आत्मसमर्पण के लिए भारी दबाव बनाया हुआ था. वहीं, कोर्ट में सरेंडर करने के बाद आरोपी को न्यायालय ने जेल भेज दिया है.
आपको बता दें कि 8 जून को दिनदहाड़े पॉश कॉलोनियों में शुमार शिवालिक नगर के बाजार में बाइकों पर हथियारों से लैस होकर आए बदमाशों ने डकैती डाली थी. सुनार की हिम्मत के चलते एक डकैत को मौके पर ही पकड़ लिया गया था जबकि पांच डकैतों को पुलिस ने बाद में गिरफ्तार किया था. इस मामले में सातवां डकैत दीपक उर्फ पिटाई पुत्र राजेंद्र निवासी हरी नगर पुरकाजी मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर चल रहा था.
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वहीं, फरार चल रहे आरोपी की तलाश में पुलिस उत्तर प्रदेश सहित कई जगह पर जगह-जगह दबिश दे रही थी लेकिन हर बार पुलिस को बैरंग ही वापस लौटना पड़ रहा था. हाल ही में कोतवाली रानीपुर पुलिस ने फरार चल रहे डकैत के घर पर न केवल नोटिस चस्पा किया बल्कि परिवार पर भी भारी दबाव बनाया था, ताकि वह कोतवाली पहुंच पुलिस के समक्ष समर्पण कर जाए.
उधर, आरोपी ने कोतवाली के बजाय कोर्ट में समर्पण करना बेहतर समझा और वह पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर रोशनाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत हुआ. जहां से मंगलवार शाम उसे जेल भेज दिया गया. इस अंतिम गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने शिवालिक नगर सर्राफा कारोबारी के यहां हुई डकैती के सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है.
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नामी बदमाश के खिलाफ गैंगस्टर में कार्रवाई: एसएसपी अजय सिंह के हरिद्वार का चार्ट संभालते ही बदमाशों की शामत आ गई है. अलग-अलग थाना क्षेत्रों में बदमाशों को चिन्हित कर उनके खिलाफ गैंगस्टर और गुंडा एक्ट में लगातार कार्रवाई की जा रही है. मंगलवार को कोतवाली हरिद्वार पुलिस ने कनखल क्षेत्र के एक नामी गैंगस्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
पुलिस ने बदमाश शशांक शर्मा निवासी लाटोवाली कनखल को मुखबिर की सूचना पर उसके घर से ही धर दबोचा. पुलिस को इस बदमाश की पिछले कई दिनों से तलाश थी. इसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार पुलिस टीम ने दबिश भी दी लेकिन यह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा सका. कोतवाली हरिद्वार इंचार्ज राकेन्द्र कठैत ने बताया कि आरोपी गैंग बनाकर वारदातों को अंजाम दिया करता था, इसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं. जिसके बाद इसे गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध किया गया था. आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है.