ऋषिकेश: गढ़वाल मंडल विकास निगम और पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन योगाचार्यों ने योग साधकों को विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास कराया और योग के महत्व से साधकों को अवगत कराया.
संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ. लक्ष्मी नारायण जोशी ने बताया कि योग आसन करते हुए यदि चिकित्सीय लाभ लेनें हैं तो साधक को आसन का सही तरीका और साथ ही पूरक आसन की जानकारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के तनाव को दूर करना है तो नियमित रूप से नाड़ी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए. यह मस्तिष्क को शक्ति देता है और स्मृति का विकास कर तनाव को दूर करता है.