देहरादून:उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामला राजधानी के डालनवाला थाना क्षेत्र का है. यहां पर एक महिला से उसका मकान किराए पर लेने का झांसा देकर साइबर ठगों ने हजारों की ठगी की है. साइबर ठगों ने खुद को आर्मी अधिकारी बताकर महिला से 97 हजार रुपये की ठगी की है. पीड़िता की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
दरअसल, मोहनी रोड निवासी अंजली यादव ने पुलिस को बताया कि उन्होंने एक वेबसाइट पर अपने घर को किराए पर देने का विज्ञापन दिया था. उसी दिन अंजली यादव को फोन आया और फोन करने वाले ने खुद का नाम संदीप बताते हुए आर्मी का अफसर बताया. साइबर ठग ने बताया कि वह मध्यप्रदेश में पोस्टेड है लेकिन उसका ट्रांसफर देहरादून में हो रहा है. इसलिए वह ऑनलाइन मकान ढूंढ रहा है.
फोनकर्ता ने अंजली यादव को विश्वास दिलाने के लिए अपना आधारकार्ड, पैन कार्ड और कैंटीन कार्ड व्हाट्सएप पर भेज दिया, जिसके बाद 14 हजार रुपए में किराया तय हो गया. फोनकर्ता ने कहा कि आपके पास एक फोन आएगा और वह नंबर एक आर्मी अधिकारी का होगा. वही किराए की रकम ऑनलाइन देंगे.
अगले दिन अंजली यादव के पास फोन आया, जिसने खुद को आर्मी अधिकारी बताकर पेमेंट ऑनलाइन करने के लिए बैंक अकाउंट और आईएफएससी कोड मांगा. साथ ही फोनकर्ता ने अंजली यादव को गूगल पे पर जाकर न्यू पेमेंट में क्लिक करने को कहा और इसके बाद बताया कि महिला के खाते में 5 रुपए आएंगे. रुपए आने के बाद बाकी की रकम भेज दी जाएगी. फोनकर्ता बार-बार यह प्रक्रिया करवाता रहा और उसी दौरान अंजली यादव के खाते में से 97 हजार रुपए कट गए. महिला जब तक कुछ समझ पाती तब तक फोनकर्ता ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया.
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डालनवाला थाना प्रभारी एनके भट्ट ने बताया कि महिला की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी गई है, साथ ही जिन खातों में रुपए ट्रांसफर हुए हैं, उन खातों की जानकारी की जा रही है.
शक होने पर साइबर पुलिस से करें संपर्क. जानकार बनें सतर्क रहें:साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपने जाल में फांस लेते हैं. हालांकि लगातार शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड साइबर पुलिस अपराधियों का सुराग लगाकर उनकी धरपकड़ करने की कार्रवाई जारी रखे हुए है. लेकिन देश के कई हिस्सों में इन अपराधियों के अलग-अलग ठिकानों में पहुंचना कई तरह की तकनीकी वजह से चुनौतीपूर्ण कार्य है. लेकिन इसके बावजूद उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस इन पर शिकंजा कसने के लिए लगातार प्रयासरत है.