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जेब ढीली करना मंजूर लेकिन नहीं मानेंगे नियम, रिकॉर्ड कार्रवाई से मालामाल होता ट्रांसपोर्ट विभाग

violation of traffic rules in Uttarakhand उत्तराखंड में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर विभाग को मालोमाल कर रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले इस साल नियमों के उल्लंघन के मामलों में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है. जिसमें मैदानी जिले बेहद आगे दिखाई दे रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 23, 2023, 8:31 PM IST

Updated : Nov 23, 2023, 10:20 PM IST

जेब ढीली करना मंजूर लेकिन नहीं मानेंगे नियम

देहरादून:उत्तराखंड में दुर्घटनाओं के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि साल-दरसाल राष्ट्रीय स्तर पर भी दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड बढ़ रहा है. उत्तराखंड में गढ़वाल क्षेत्र के रिकॉर्ड पर गौर करें तो ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की तरफ से कार्रवाई में तेजी लाने के बाद भी हालत सुधर नहीं पा रहे हैं. बड़ी बात यह है कि लोगों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई होने के बाद भी यातायात नियमों का उल्लंघन करने के मामलों में सुधार नहीं हो पा रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस बार जारी किए गए आंकड़ों में यातायात नियमों का उल्लंघन करने के मामले कम होने की बजाय बढ़ गए हैं.

गढ़वाल क्षेत्र में जारी हुए आंकड़ों की स्थिति

निगरानी का दायरा बढ़ाने से चालान के मामले बढ़ें:उत्तराखंड के गढ़वाल रीजन में चार जिलों को लेकर नियमों के उल्लंघन से जुड़े जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके पीछे कई तर्क भी दिए जा रहे हैं. विभाग के अधिकारियों का मानना है कि विभाग कि तरफ से निगरानी का दायरा बढ़ाने के कारण भी चालान के मामले बढ़ रहे हैं. गढ़वाल के चार जिलों में करीब 82 हजार से ज्यादा चालान काटे गए हैं, लेकिन इसके लिए सड़क पर बढ़ती गाड़ियां भी वजह हैं. साथ ही रोड सेफ्टी को देखते हुए जिस तरह निगरानी सिस्टम बढ़ाया गया है उसके कारण भी चालान के मामले बढ़ रहे हैं.

देहरादून रीजन के चार जिलों की स्थिति
लोगों के चालान के मामले में मैदानी जिले सबसे आगे हैं और देहरादून रीजन में जो रिकॉर्ड सामने आए हैं, वह इस बात की गवाही दे रहे हैं. गढ़वाल मंडल के चार जिलों में तुलनात्मक आंकड़ों को देखे तो पिछले साल की तुलना में लोगों के नियमों का उल्लंघन करने के मामले सबसे ज्यादा हरिद्वार जिले में बढ़े हैं.

पार्किंग न होने से यातायात नियमों का हो रहा उल्लंघन:प्रदेश में जिस तरह यातायात नियमों का उल्लंघन किया जाता है. उसके पीछे लोगों की वाहन चलाते समय लापरवाही भी एक बड़ी वजह है, लेकिन इस मामले में केवल गलती आम लोगों की ही नहीं है, बल्कि प्रशासन और सरकार भी इसके लिए जिम्मेदार है. दरअसल शहरों में वाहनों की बढ़ती संख्या के बीच सड़कों के हालात नहीं सुधरे. इतना ही नहीं शहरों में पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण लोग नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के लिए मजबूर होते हैं. जिससे उनका चालान काट जाता है.

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नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने को मजबूर लोग:वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली बताते हैं कि उत्तराखंड में साक्षरता दर बेहतर है यानी पढ़े-लिखे लोग राज्य में निवास करते हैं और लोगों को यातायात को लेकर अपनी जिम्मेदारियां भी पता हैं, लेकिन कई बार कुछ लोग लापरवाही करते हैं तो कई बार प्रशासन और सरकार के स्तर पर व्यवस्थाओं के कारण भी लोगों को मजबूरी में नियमों का उल्लंघन करना पड़ता है. ऐसे मामले खास तौर पर नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने को लेकर होते हैं.

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Last Updated : Nov 23, 2023, 10:20 PM IST

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