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मार्ग का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों को झेलना पड़ा विरोध, ग्रामीणों ने किया घेराव

रुद्रप्रयाग जिले में गैड़-गडगू मोटर मार्ग का निर्माण चल रहा है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है.

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ग्रामीणों का प्रदर्शन

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Published : Nov 10, 2020, 1:26 PM IST

रुद्रप्रयागःनिर्माणाधीन गैड़-गडगू मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा है. इस दौरान ग्रामीण ने अधिकारियों का घेराव कर केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और एनपीसीसी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग की लापरवाही से निर्माणाधीन मोटरमार्ग पर कछुआ गति से कार्य चल रहा है. जो निर्माण कार्य हुआ है, उसमें में भी गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के वाबजूद भी निर्माण कार्यों में सुधार नहीं हो रहा है. हालांकि, बाद में एनपीसीसी के अधिकारियों के लिखित आश्वासन के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ. उसके बाद ही विभागीय अधिकारियों ने गैड़-गडगू तक निर्माणाधीन मोटरमार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया.

मार्ग का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों को झेलना पड़ा विरोध.

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दरअसल, एनपीसीसी के अधिशासी अभियंता जोगेंद्र प्रताप सिंह, कनिष्ठ अभियंता अजय डबराल, सहायक अभियंता रूपेश सकलानी निर्माणाधीन गैड़-गडगू मोटर का स्थलीय निरीक्षण करने गैड़ पहुंचे थे. जहां पहले से ही मौजूद ग्रामीणों ने उनका घेराव कर जमकर नारेबाजी की.

जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने कहा कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते मोटर मार्ग पर कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. निर्माण कार्य न होने से इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. जबकि, जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी और तहसीलदार का पद रिक्त है. ऐसे में ग्रामीण फरियाद लेकर जाएं तो कहां जाएं?

ग्रामीणों ने अधिकारियों का घेराव किया.

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विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से डेढ़ सालों में पहले फेस का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. निर्माणाधीन मोटर मार्ग पर गुणवत्ता को ताक पर रखा जा रहा है. विभागीय अधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बाद भी अधिकारी उनकी शिकायतों को सुनने को तैयार नहीं हैं. अधिकारियों की लापरवाही से आज तक ग्रामीणों को खेतों का मुआवजा नहीं मिला है.

उनका कहना है कि मोटर मार्ग से कई मकान, गौशालाएं खतरे की जद में आ गए हैं, लेकिन आज तक सुरक्षा दीवारों का निर्माण नहीं हुआ है. वहीं, बाद में विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों को लिखित आश्वासन दिया कि यदि 22 नवंबर तक ठेकेदार की ओर से निर्माण कार्यों में सुधार नहीं लाया जाता है तो ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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