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Power Junior Engineers Protest: उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियरों का प्रदर्शन, प्रमोशन की मांग - यूपीसीएल प्रदर्शन

उत्तराखंड के पावर जूनियर इंजीनियरों ने प्रदर्शन किया. सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के पदों पर प्रोन्नति नहीं होने से ये लोग नाराज हैं. अपनी नाराजगी जताने के लिए उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने ऊर्जा भवन मुख्यालय में प्रदर्शन कर प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Engineers Protest
उत्तराखंड ऊर्जा निगम समाचार

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Published : Feb 2, 2023, 9:49 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने ऊर्जा भवन मुख्यालय में सहायक अभियंता को अधिशासी अभियंता के पदों पर प्रोन्नति नहीं किए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपना आक्रोश प्रकट किया. विरोध प्रदर्शन में यूपीजेईए के देहरादून स्थित तीनों निगमों के सदस्यों ने भाग लिया.

प्रमोशन नहीं मिलने पर नाराजगी: इस दौरान Uttarakhand Power Junior Engineer Association के महासचिव पवन रावत ने कहा कि प्रबंधन द्वारा सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के पदों पर वरिष्ठता सूची का विवाद बताकर प्रोन्नति नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि किसी भी न्यायालय द्वारा प्रोन्नति को लेकर कोई भी स्थगनादेश नहीं है. पवन रावत का कहना है कि एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य एसपी कुड़ियाल प्रबंधन की मनमानी के चलते बिना प्रोन्नति के ही रिटायर हो गए. जबकि प्रबंधन ने एसोसिएशन से वार्ता में लगातार उनकी प्रोन्नति को लेकर आश्वासन दिया था.

सहायक अभियंता कुड़ियाल के रिटायरमेंट को बनाया मुद्दा: पवन रावत ने कहा कि एसोसिएशन ने प्रबंधन को सभी तथ्यों से अवगत कराया था कि सहायक अभियंता एसपी कुड़ियाल की प्रोन्नति पूर्व में ही की जानी चाहिए थी. लेकिन एसीआर पूरी ना होने की वजह से उस समय प्रोन्नति नहीं हो पाई. कुड़ियाल द्वारा तय समयावधि में अपनी एसीआर पूर्ण करके जमा करा दी गई थी. उसके बावजूद लगातार उन्हें प्रोन्नति को लेकर आश्वासन दिए गए. आखिरकार उन्हें सहायक अभियंता के पद से ही सेवानिवृत्त होना पड़ा.
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यूकेपीजेइए के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि एसोसिएशन अपने एक वरिष्ठ सदस्य और विभागीय कार्मिक के साथ हुए इस पक्षपात पूर्ण व्यवहार की घोर निंदा करता है. एसोसिएशन ने इसे सहायक अभियंता कुड़ियाल का उत्पीड़न बताया. साथ ही चेतावनी दी है कि अब न्याय पाने के लिए उन्हें आर पार की लड़ाई लड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा.

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